Pandit Ravi Shankar: डांस छोड़कर बने सितार वादक, भेष बदलकर संगीत सीखने आया था ये मशहूर गिटारिस्ट

भारत कलाओं से भरा देश है। संगीत तो इस देश की रग-रग में है। इस देश में तबला वादक से लेकर सितार वादक तक संगीत के कई दिग्गज हुए हैं। ऐसे ही एक दिग्गज हुए हैंपंडित रविशंकर। न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में पंडित रविशंकर संगीत की दुनिया के एक लीजेंड के रूप में जाने जाते हैं। 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में एक बंगाली परिवार में रविंद्र शंकर चौधरी के रूप में जन्मे पंडित रविशंकर की आज 105वीं जयंती है। भारत रत्न पंडित रविशंकर वो शख्सियत हैं, जिन्होंने भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। पंडित रविशंकर ने 18 साल में सितार वादन की शिक्षा लेनी शुरू की। इसके बाद उनके सितार की धुन न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में ऐसी गूंजी कि वो भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे बड़े दिग्गज और भारत के पहले इंटरनेशनल संगीतकार बन गए। उन्होंने विदेशों में न जाने कितने प्रोग्राम किए और न जाने कितनी बार भारतीय शास्त्रीय संगीत का डंका बजाया। यही वजह है कि उन्हें आज भी एक लीजेंड के तौर पर याद किया जाता है। 11 दिसंबर 2012 को भारत का ये रत्न और दुनिया का लीजेंड हमेशा के लिए मौन हो गया। आज 105वीं जयंती पर जानते हैं पंडित रविशंकर से जुड़े कुछ अनसुने किस्से। कभी डांसर हुआ करते थे पंडित रविशंकर दुनिया के सबसे बड़े सितार वादक पंडित रविशंकर कभी एक अच्छे डांसर हुआ करते थे। वो अपने भाई उदय शंकर के डांस ग्रुप के मेंबर थे, जिसके चलते वो अक्सर भारत से यूएस डांस मेंबर के रूप में जाते थे। उन्होंने 13 साल की उम्र में अपने भाई का डांस ग्रुप ज्वाइन कर लिया था और पेरिस गए थे। इसके बाद वो अक्सर ही भाई के डांस ग्रुप के साथ यूएस और विदेशों में जाते थे। इस दौरान रविशंकर ने कई वाद्ययंत्रों को भी बजाना सीख लिया। साथ ही उन्होंने विदेशी संगीत जैसे जैज वगैरह की भी जानकारी हासिल कर ली।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 06, 2025, 22:54 IST
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