Punjab Weather: दस जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, भाखड़ा से छोड़े पानी से सात जिलों में 150 गांव डूबे

पंजाब के 10 जिलों में आज तेज हवाओं के साथ भारी से बेहद भारी बारिश का अलर्ट है। इनमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, नवांशहर, रूपनगर, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब जिले शामिल हैं। बाकी जिलों में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। इससे तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। हिमाचल में बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा बांधों से लगातार छोड़े जा रहे पानी और हो रही बारिश के कारण पंजाब के हालात बदतर होते जा रहे हैं। राज्य के सात जिले कपूरथला, मोगा, तरनतारन, फाजिल्का, फिरोजपुर, अमृतसर और होशियारपुर इस वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन जिलों में करीब 150 गांव और 90 हजार एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि पानी में डूब गई है। शुक्रवार को भी पहाड़ों में भाखड़ा डैम की गोबिंद सागर झील में शुक्रवार को 49594 क्यूसेक पानी की आमद हुई जिससे डैम का जलस्तर 1666.43 फीट पहुंच गया। हालांकि यह खतरे के निशान से 13 फीट कम है लेकिन बीबीएमबी ने जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए डैम के चारों फ्लड गेट चौथे दिन भी खुले रखे। डैम से शुक्रवार को करीब 43 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसमें टर्बाइनों के माध्यम से 36 हजार क्यूसेक और फ्लड गेट से सात हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस वजह से सहायक नदियों रावी-ब्यास के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं नंगल डैम से नंगल हाईडल नहर में 12500, श्री आंनदपुर हाईडल नहर में 10150 और सतलुज दरिया में 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालातों का जायजा लेने के लिए मंत्री और स्थानीय डीसी समेत सभी अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं। बीते दिन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने सुल्तानपुर लोधी के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से बात की थी और अधिकारियों को विशेष गिरदावरी के आदेश दिए थे ताकि किसानों को फौरी राहत दी जा सके। साथ ही राहत कार्य के लिए दो करोड़ रुपये भी जारी किए थे जिससे लोगों के लिए खाने-पीने की वस्तुएं व दवाइयों का इंतजाम किया जा सके। किसानों के नुकसान की पाई-पाई चुकाएंगे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कपूरथला जिले में बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया और लोगों को आश्वासन दिया कि उनके नुकसान की पाई-पाई का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचने के तरीकों पर भी विचार किया जाएगा। सतलुज में उफान, घर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा सतलुज नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण मोगा जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। धर्मकोट के संघेड़ा, कंबो खुर्द, सेरेवाला गांव की हालत टापू की तरह हो गई है। गांवों के चारों तरफ पानी भरा हुआ है और लोगों को घर तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। सामान व पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें घरों की छतों और नदी के बांध पर पहुंचा रहे हैं, ताकि पानी का स्तर और बढ़ने पर ज्यादा नुकसान से बचा जा सके। जानकारी के अनुसार सतलुज नदी के साथ लगते 30 गांव की करीब 6 हजार एकड़ फसल पानी में डूब गई है। एहतियात बरतते हुए लोगों ने घरों का सामान छत पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं किया गया है। टांगरी व मारकंडा भी खतरे के निशान पर पटियाला में टांगरी व मारकंडा नदियों में जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के पास बना रहा। इस वजह से नदियों के आसपास पड़ते गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है। टांगरी का जलस्तर 11.2 फुट दर्ज किया गया जो कि खतरे के निशान से करीब एक फुट कम है। इस समय नदी में 27040 क्यूसेक पानी बांधों से आ रहा है जबकि मारकंडा नदी का जलस्तर 22 फुट के खतरे के निशान के नजदीक रहा। इसमें 39240 क्यूसेक पानी डाला गया। ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन प्रथम गंभीर के मुताबिक बाढ़ के किसी भी खतरे से निपटने के लिए विभाग तैयार है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 23, 2025, 09:41 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Punjab Weather: दस जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, भाखड़ा से छोड़े पानी से सात जिलों में 150 गांव डूबे #CityStates #Chandigarh-punjab #PunjabWeatherUpdate #HeavyRainAlert #BhakraDam #SubahSamachar