Rahu Gochar 2025: राहु के गोचर करने से मकर राशि वालों को मिल सकती है बड़ी कामयाबी

Rahu Gochar 2025:हमेशा वक्री चाल से चलने वाले और छाया ग्रह की उपाधि से वाले राहु अब मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं। राहु अपने मित्र शनि की राशि में गोचर हुए हैं ऐसे में राहु का कुंभ राशि में गोचर अच्छा माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह को मायावी और पापी ग्रह माना गया है। राहु इस कलयुग में सबसे असरकारी ग्रह हैं। ऐसी मान्यता है कि कलयुग में राहु ही एक मात्र ऐसे देवता जो किसी भी भाग्य रातों रात बदल सकते हैं। राहु का साल 2025 में गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रभावी रहने वाला है। Budh Asta 2025:बुध हो रहे हैं अस्त, जानें किन राशियों को मिलेगा लाभ और किन्हें रहना हो सतर्क राहु-केतु का यह गोचर 2026 तक रहेगा, फिर इसके बाद ये दूसरी राशि में जाएंगे। राहु हमेशा वक्री गति यानी पीछे की ओर चलने वाले ग्रह हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राहु का राशि परिवर्तन बहुत ही खास हो जाता है। राहु को पापी और विच्छेदक ग्रह माना जाता है। राहु ग्रह अचानक फल देने वाले ग्रह है। जब भी राहु का गोचर होता है इसका प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह का देखने को मिलता है। राहु एक राशि में करीब 18 महीने तक रहते हुए अपना प्रभाव डालते हैं। 18 मई 2025 से लेकर 2026 तक राहु का गोचर शनि की राशि कुंभ में रहेगा।राहु के कुंभ राशि में गोचर करने से मकर राशि के लोगों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं। Rahu Gochar 2025:आज राहु का कुंभ राशि में गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव राहु के गोचर से मकर राशि पर प्रभाव 18 मई 2025 को राहु के कुंभ राशि मे गोचर करने से मकर राशि के जातकों के लिए यह दूसरे भाव में हैं। कुंडली का दूसरा भाव संचित धन और वाणी से संबंधित होता है ऐसे में राहु का प्रभाव वाणी पर पूरे साल रहेगा। मकर राशि के जातक इस दौरान अपनी वाणी के दम पर लोगों से अपना काम निकलवाने में कामयाब होंगे। आपकी बात लोगों को बहुत ही पसंद आएगी। लेकिन इस दौरान आपको अपनी सेहत का भी विशेष ध्यान देना होगा। वहीं संचित धन करने में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। Weekly Horoscope (19 To 25 May):मेष से लेकर मीन राशि वालों के लिए कैसा रहेगा यह सप्ताह, किसे लाभ किसे नुकसान कुंडली में राहु का प्रभाव ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह माना गया है इसके अलावा राहु को एक रहस्यमय ग्रह के रूप में भी देखा गया है। राहु का सबसे ज्यादा प्रभाव कूटनीति और राजनीति के क्षेत्र में पाया जाता है। राहु को सिर और केतु को धड़ कहा गया है। राहु हमेशा वक्री ही चलते हैं। राहु को ब्याहु ग्रह भी माना जाता है और यह देखा गया है जब भी किसी जातक की राहु की दशा चलती है उसमें उसका विवाह होता है। जिन जातकों पर राहु का प्रभाव होता है वह बहुत ही तीव्र बुद्धि वाला व्यक्ति होता है। राहु अचानक से लाभ दिलाने वाला और अचानक से हानि करवाने वाल ग्रह कहा जाता है। राहु जुआ, सट्टा और लॉटरी में सफलता देता है। Ketu Gochar 2025:केतु का सिंह राशि में गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव कई ज्योतिष के जानकारों का मनाना होता है कि राहु की कोई भी द्दष्टि नहीं वहीं कुछ का मानना है राहु पंचम, सप्तम और नवम द्दष्टि से देखता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में राहु दूसरे, चौथे, आठवें और बारहवें भाव में होता है यह कष्टकारी रहता है। वहीं अगर लग्न कुंडली में राहु पहले भाव, पंचम भाव, सप्तम और नवम भाव में हो तो राहु सकारात्मक प्रभाव देने के लिए बाध्य हो जाता है। वहीं जब राहु तीसरे, छठे, दशम या एकादश भाव में हो तो यह अच्छा रहता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 18, 2025, 18:30 IST
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