Shahjahanpur News: बारिश ने धान की सरकारी खरीद पर लगाया ब्रेक, तैयारियां भी अधूरी

शाहजहांपुर। तेज हवा के साथ मंगलवार को हुई बारिश ने धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया पर ब्रेक लगा दिया है। सेंटरों पर आ रहा धान नम होने के कारण अभी खरीद की शुरुआत नहीं हो सकी है। शनिवार को मंडी सचिवों के स्तर से केंद्र प्रभारियों को बारदाना, इलेक्ट्रानिक कांटा, चलना, पंखा आदि सामग्री का वितरण होना है। क्रय केंद्रों पर धान की सरकारी खरीद आठ अक्तूबर से रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। इस बार जिले में विभिन्न क्रय एजेंसियों के 153 केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। इनमें मोटे अनाज के तौर पर बाजरा की खरीद के लिए तीन क्रय केंद्र शामिल हैं। बाजरा खरीद के लिए रोजा मंडी में एक और जलालाबाद मंडी में दो केंद्र खुलने प्रस्तावित हैं। जो केंद्र स्वीकृत हुए हैं, उनमें अधिकतर मंडी परिसरों के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। नियमानुसार खरीफ विपणन वर्ष एक अक्तूबर से आरंभ होता है, लेकिन खरीद सत्र के शुरुआती दो दिन अवकाश में निकल गए। अधिकतर केंद्र प्रभारी त्योहार मनाने घरों के लिए चले गए और शुक्रवार को भी उनकी वापसी नहीं हो सकी। इस कारण क्रय केंद्रों पर खरीद की जरूरी व्यवस्थाएं भी नहीं हो सकीं। --रोजा मंडी में क्रय केंद्रों के लगे सिर्फ बैनररोजा। स्थानीय मंडी परिसर में 15 क्रय केंद्रों पर धान की खरीद होनी है। तैयारियों के नाम पर शुक्रवार शाम तक सिर्फ बैनर टांगे जा सके हैं। मंडी के जो प्लेटफार्म क्रय केंद्रों को आवंटित किए गए हैं, वहां लाइसेंसी गल्ला आढ़तियों के धान के ढेर लगे हैं। मंडी सचिव रिंकू लाल ने बताया कि अवकाश हो जाने के कारण धान की सरकारी खरीद में थोड़ी देरी हो गई है। संवाद --तिलहर मंडी में शुरू नहीं हो सकी सरकारी खरीदतिलहर। मंडी समिति में 15 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन कहीं कोई तैयारी नजर आ रही। गल्ला आढ़ती लगभग 60 हजार क्विंटल धान खरीद चुके हैं, लेकिन वहां नमी ज्यादा बताकर किसानों को भाव सही नहीं दिया जा रहा। किसानों का कहना है कि सरकारी खरीद शुरू न होने से उन्हें मजबूरी में खुले बाजार में सस्ते दाम पर धान बेचना पड़ रहा है। मंडी सचिव शिवेंद्र कुमार के अनुसार शनिवार को केंद्र प्रभारियों को सभी सामग्री वितरित कर दी जाएगी, ताकि सोमवार से खरीद शुरू हो सके। संवाद --जलालाबाद में आज से सभी केंद्र संचालित होने के आसारजलालाबाद। तहसील में विभिन्न एजेंसियों के 24 क्रय केंद्र खोले जाने हैं। इनमें 13 सेंटर मंडी परिसर में संचालित होने हैं। मंडी सचिव विक्रम वाजपेयी ने बताया कि अधिकतर केंद्र प्रभारी मंडी से बारदाना, कांटा आदि ले जा चुके हैं। प्रयास है कि शनिवार से सभी सेंटर शुरू करा दिए जाएं। क्षेत्र बाढ़ प्रभावित रहने के कारण मंडी में अभी धान की आवक शुरू नहीं हुई है। मक्का की बिक्री करने आए तिकोला गांव के दिवाकर ने बताया कि दो दिन पहले हुई बारिश में ज्यादातर धान भीग जाने से उसे काटने में वक्त लगेगा। संवाद--बंडा में धान खरीदकर बिचौलिए कर रहे मोटी कमाईबंडा। धान की सरकारी खरीद में देरी होने के कारण किसान परेशान हैं। सरकार ने साधारण धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपये और ग्रेड वन धान का 2379 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, लेकिन आढ़ती किसानों को मात्र 1500 रुपये भाव दे रहे हैं। धान की लगभग 70 फीसदी कटाई हो चुकी है। एडीएम प्रशासन रजनीश मिश्रा ने बताया कि चार अक्तूबर से सरकारी धान की खरीद शुरू की जाएगी। मानक के अनुसार किसानों का धन तौला जाएगा और बिचौलियों व दलालों पर कार्रवाई की जाएगी। संवाद--कागजों में धान खरीद की तैयारी, सेंटरों के नाम पर सिर्फ बैनरपुवायां। धान खरीद की तैयारी कागजों पर तो पूरी कर ली गई है, लेकिन धरातल पर तैयारी शून्य है। पुवायां मंडी समिति परिसर में लगाए गए धान क्रय केंद्रों पर बैनर टांग दिए गए हैं, प्रभारी, कर्मचारी और मेज, कुर्सी तक का पता नहीं है। तीन अक्तूबर से धान खरीद होनी थी, लेकिन अवकाश के चलते अब चार अक्तूबर से धान खरीद होगी। धान साफ करने के उपकरण, कर्मचारी, प्रभारी सहित कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मंडी में धान के कुछ ढेर लगे हैं, लेकिन किसानों का कोई पता नहीं है। इधर राइस मिलों और आढ़तों पर धान 16 से 17 सौ रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, इससे किसान परेशान हैं। पुवायां के रामचंद्र, ब्रजेश कुमार, सुनील कुमार, बल्देव सिंह आदि ने बताया कि जब तक सेंटरों पर खरीद होगी, तब तक किसानों का 50 प्रतिशत से अधिक धान आढ़तों और राइस मिलों पर बिक चुका होगा। संवाद--किसानों की बातधान काटने के बाद कई मिलों पर नमूना ले गया। कहीं भी कोई 1600 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा भाव देने के लिए तैयार नहीं हुआ। इस भाव में धान की लागत भी नहीं निकलेगी। -अवधेश कुमार, बंडी (बंडा)---धान की खरीद देर से शुरू होने के कारण मिल मालिक 1500 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा भाव देने के लिए तैयार नहीं हैं। मंडी परिसर की जगह पर दलालों का कब्जा होने से वहां धान सुखाने के लिए जगह नहीं है। -चतर सिंह, देवकली (बंडा)--मंडियों में करीब साढ़े पांच लाख क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। मानक के अनुरूप 17 प्रतिशत नमी होनी चाहिए लेकिन 20 से 25 प्रतिशत नमी का धान लेकर किसान आ रहे हैं। किसान धान सुखाकर और साफ-सुथरा लाएं। लगभग 13 सौ किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। सेंटरों पर धान खरीद की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए चेकिंग की जाएगी। - राकेश मोहन पांडेय, डिप्टी आरएमओ तिलहर मंडी समिति में रखा धान। संवाद तिलहर मंडी समिति में रखा धान। संवाद तिलहर मंडी समिति में रखा धान। संवाद तिलहर मंडी समिति में रखा धान। संवाद तिलहर मंडी समिति में रखा धान। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 03, 2025, 22:30 IST
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