UP: आम की गुठली और मटर के छिलके कचरे में न फेंके...इनकी खूबी जानकर रह जाएंगे हैरान, ये हैं सेहत का गुप्त भंडार
फल और सब्जियों के छिलके जिन्हें आप कचरा (वेस्ट) फेंक देते हैं, वह पोषक तत्वों का भंडार हैं। हरे मटर के छिलके में विटामिन बी1, बी2, विटामिन सी, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम उपयुक्त मात्रा में पाया जाता है। आम की गुठली में भी कई पोषक तत्व होते हैं। राजा बलवंत सिंह (आरबीएस) इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस, बिचपुरी के फूड टेक्नोलॉजी विभाग के छात्रों व शिक्षकों ने हरे मटर के छिलके और आम की गुठली को प्रसंस्कृत कर बिस्किट व कस्टर्ड पाउडर तैयार किया है। इस शोध का उद्देश्य है कि कचरे के तौर पर फेंकने के बजाय इनका इस्तेमाल कर अपनी और पर्यावरण की सेहत सुधारी जा सकती है। कॉलेज के फूड टेक्नोलॉजी विभाग के शिक्षक अमित प्रताप सिंह के निर्देशन में छात्र निखिल चौहान, श्रुति त्रिपाठी, वर्षा चाहर, यश राठौर और वतन कुमार ने मटर के छिलकों को वैज्ञानिक विधि से उपचारित किया और उचित तापमान पर निर्जलीकरण कर पाउडर बनाया। इस पाउडर को अलग-अलग अनुपात में मैदा के साथ मिलाकर बिस्किट तैयार किया। बनावट विश्लेषण (टेक्चरल एनालिसिस) और संवेदी मूल्यांकन (सेंसरी इवैल्युएशन) के आधार पर इनमें से श्रेष्ठ बिस्किट चुने गए। अब तक के परीक्षण के अनुसार, मटर के छिलके से बने बिस्किट को लगभग 90 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 10:53 IST
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