Jammu News: नवरात्र के लिए सज गए मां भगवती के दरबार
- घरों, मंदिरों में नवरात्र की धूम, कलश स्थापना के साथ होगा आगाज संवाद न्यूज एजेंसीजम्मू। जय माता दी के जयघोष के साथ सोमवार को शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। नवरात्र के साथ ही शुभ कार्यों का श्रीगणेश होगा। इस बार चतुर्थ तिथि दो दिन पड़ने से दस दिन के नवरात्र में मां दुर्गा की भक्ति में पूरा शहर डूबा रहेगा। 2016 के बाद इस बार नवरात्र दस दिनों के होंगे। माता रानी के नौ स्वरूपों की हर दिन विशेष पूजा से पूरा माहौल भक्तिमय रहेगा। जगह-जगह जागरण से महामाई का गुणगान किया जाएगा। शहर के प्रमुख मंदिरों में नवरात्र में लाखों श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचेंगे। घरों में भी नौ दिनों तक मां भगवती की पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्र के लिए मंदिरों की विशेष सजावट की गई है। प्रमुख बावे वाली माता का दरबार दिल्ली और कोलकाता से लाए जा रहे फूलों से महकेगा। घरों में कलश स्थापित कर साख लगाई जाएगी जिसे अंतिम दिन जलाशयों में प्रवाहित किया जाएगा। बावे वाली माता मंदिर के महंत बिट्टा नाथ ने बताया कि नवरात्र पर सोमवार तड़के चार बजे मां का दरबार खोला जाएगा। दोपहर एक से दो बजे तक कपाट बंद रखकर साफ-सफाई की जाएगी। रात 9:30 बजे दरबार बंद किया जाएगा। मंदिर में बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए व्हीलचेयर स्थापित की गईं हैं। पंडित राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थ तिथि के दो दिन पड़ने से नवरात्र का एक दिन बढ़ गया है। नवरात्र के लिए बाजार सज गए हैं। माता की पोशाक, शृंगार और लाल चुनरी सहित अन्य पूजा सामग्री की खरीदारी की जा रही है। मंदिरों में रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है। ----------------------शहर के प्रमुख मंदिरइतिहास समेटे है बावे वाली माता का मंदिर - शहर का प्रमुख बावे वाली माता का मंदिर इतिहास समेटे हुए है। पुराने शहर से पांच किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर को डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह ने 1822 में बनवाया था। मंदिर से सूर्यपुत्री तवी नदी का विहंगम दृश्य दिखता है। मंदिर के साथ ही तीन हजार साल पहले जम्मू राज्य के संस्थापक रहे राजा जंबू लोचन के बड़े भाई बाहु लोचन ने बाहु किले का निर्माण करवाया था। इसके बाद इसे बाग-ए-बाहु के नाम से ख्याति मिली। यह किला एक हिंदू धार्मिक स्थान है और इसके परिसर में बावे वाली माता का मंदिर स्थापित है। ------महामाया माता मंदिर में पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं-बावे वाली माता के कुछ किलोमीटर आगे जाकर महामाया मंदिर स्थापित है। इसे महामाया शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है। मान्यता के अनुसार देवी महामाया ने राजा गुलाब सिंह को स्वप्न में निर्देश दिया था जिसके बाद उनकी मूर्ति को नदी के किनारे से निकालकर मंदिर में स्थापित किया गया था। यहां मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महंत सुभाष चंद्र ने बताया कि 1986 की भारी वर्षा के बाद मंदिर का कुछ हिस्सा ध्वस्त हो गया था लेकिन देवी की प्रतिमा सुरक्षित रही। बीते दिनों आई बाढ़ से मंदिर के मुख्य मार्ग का कुछ हिस्सा टूट गया है। इससे श्रद्धालुओं को आवाजाही में परेशानी हो रही है। -----------कोल कंडोली मंदिर में वैष्णो देवी मां ने की थी तपस्या जम्मू शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर उत्तर नगरोटा में कोल कंडोली मंदिर स्थापित है। मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने यहां पांच वर्ष की कन्या के रूप में आकर 12 वर्षों तक तपस्या की थी इसलिए इसे माता वैष्णो देवी की यात्रा शुरू करने से पहले दर्शन करने वाला पहला और महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। मंदिर के मुख्य पुजारी जयप्रकाश ने बताया कि नवरात्र के लिए मंदिर में विशेष सजावट की गई है। नवरात्र के दौरान मंदिर में हाजिरी लगाने के लिए हजारों भक्त आते हैं। --------चिंतपूर्णी माता मंदिर शहर के सर्कुलर रोड पंजतीर्थी में प्राचीन चिंतपूर्णी माता मंदिर स्थित है जो करीब 200 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह ने करवाया था। मंदिर की मान्यता है कि अगर कोई भक्त देवी माता की सच्चे मन से दर्शन कर प्रार्थना करता है तो चिंतपूर्णी माता उसके सभी कष्टों को हर लेती हैं। पंडित विमल खजूरिया ने बताया कि नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। -------महालक्ष्मी माता मंदिर पुराने शहर के पक्का डंगा बाजार में महालक्ष्मी मंदिर में भी भक्तों की भीड़ बढ़ रही है। यहां कमल के आसन पर महालक्ष्मी माता विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पहले पहाड़ी के टीले पर किया गया था इसलिए इस स्थान का नाम पक्का डंगा रखा गया। मुख्य पुजारी सतपाल शर्मा ने बताया कि महालक्ष्मी मंदिर में मंदिर में जो भक्त सच्चे मन से पूजा-पाठ करता है उसके सकल मनोरथ माता पूर्ण करती हैं।-----झूमे बाजार, बढ़ेगी रौनक, जमकर होगी खरीदारी नवरात्र के साथ ही बाजारों में खरीदारों का बूम आएगा। हाल में भारी बारिश और बाढ़ थमने के बाद नवरात्र में शहर की अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है। खरीदारों के लिए बाजार सजे हुए हैं। शहर के प्रमुख पक्का डंगा, मोती बाजार, परेड चौक, पुराना हाॅस्पिटल रोड, गांधीनगर, शास्त्रीनगर, तालाब तिल्लो, जानीपुर सहित अन्य बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी हो रही है। शहर में नवरात्र में कई नए प्रतिष्ठान खुलेंगे। शहर के पुराने हाॅस्पिटल रोड के कारोबारी पुनीत गुप्ता ने बताया कि नवरात्र में माता को लाल चुनरी चढ़ाने का विशेष महत्व रहता है जो बाजार में 20 से 2500 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध हैं। ----फोटो फ्रेम की मांग बढ़ीशहर के पक्का डंगा स्थित फोटो फ्रेम कारोबारी प्रदुम का कहना है कि नवरात्र में मां भगवती की फोटो फ्रेम प्रतिमा की मांग बढ़ी है। ये फोटो शहर में 70 रुपये से लेकर 4500 रुपये तक के दाम में उपलब्ध हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 22, 2025, 02:42 IST
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