Venice Mall: वेनिस मॉल के मालिक मोंटू भसीन की रिमांड निरस्त, सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पहले अनुमति लेनी होगी
ग्रेटर नोएडा में स्थितवेनिस मॉल के मालिक सतेंद्र भसीन उर्फ मोंटू भसीन की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट ने न्यायिक हिरासत रिमांड निरस्त कर दी। कोर्ट में बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने मोंटू भसीन की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी। मोंटू भसीन के अधिवक्ता अमित चौहान ने कोर्ट को अवगत कराया है कि उनके मुवक्किल के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से पहले उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पहले अनुमति लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में जरूरी आदेश जारी कर रखे हैं, लेकिन पुलिस की ओर से इस मामले में हुई कार्रवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट को अवगत नहीं कराया गया। दिल्ली से अवैध तरीके से गिरफ्तारी की गई। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ किसी अन्य स्वतंत्र अपराध में कार्रवाई किए जाने के संबंध में भी सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति आवश्यक होने के लिए आदेशित किया गया है। लेकिन विवेचक द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व अनुमति का ऐसा कोई प्रपत्र प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसलिए रिमांड प्रार्थना-पत्र निरस्त किए जाने योग्य है। यही कारण है कि इसे निरस्त किया जाता है। मारपीट के लगाए थे आरोप ग्रैंड वेनिस मॉल भसीन इन्फोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (बीआईआईपीएल) द्वारा संचालित है। जिसमें डीएस च्युइंग प्रोडक्ट्स एलएलपी प्रमुख शेयरधारक है। डीएस च्युइंग प्रोडक्ट्स एलएलपी के डिप्टी मैनेजर (कानूनी)हस्ताक्षरकर्ता सुशील कौशिक ने बीटा-2 में भसीन, हरप्रीत सिंह छाबड़ा, अजय धवन और शोकेत खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था। शिकायत के अनुसार 8 फरवरी सतेंद्र सिंह भसीन और अन्य ने मॉल परिसर में अवैध रूप से प्रवेश किया, कार्यालय में तोड़फोड़ की, कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और मॉल का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने सीसीटीवी कंट्रोल रूम और सर्वर रूम में घुसकर सुरक्षा प्रणाली को बंद कर दिया था। विभिन्न विभागों के दराज और लॉकर तोड़े और लगभग पांच से छह निजी लैपटॉप और लगभग 100 आधिकारिक फाइलें जब्त कर लीं थी। इसकी जानकारी पुलिस के आपातकालीन नंबर-112 पर दी गई थी। इसके बाद 16 फरवरी को भसीन ने फिर से मॉल परिसर में प्रवेश किया और रिकॉर्ड रूम के ताले तोड़कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और नकदी चुरा ली। जिन्हें कार में ले जाया गया। आरोप है कि भसीन ने ग्रैंड वेनिस मॉल की कुछ इकाइयों का स्वामित्व ग्रैंड एक्सप्रेस डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को स्थानांतरित करने का प्रयास किया, जो कि उनकी संबंधित कंपनी है। मॉल की इकाइयों के बाहर ग्रैंड एक्सप्रेस डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्वामित्व वाले पोस्टर और स्टिकर चिपकाए। जबकि 4 दिसंबर 2023 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने बीआईआईपीएल को कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत रखा था। जिससे कंपनी का प्रबंधन निलंबित हो गया और अंतरिम समाधान पेशेवर मुकेश गुप्ता को नियुक्त किया गया। हालांकि 7 दिसंबर 2023 को एनसीएलटी ने आदेश दिया कि 4 दिसंबर 2023 के आदेश के तहत कोई और कदम नहीं उठाया जाए। डीएस च्युइंग प्रोडक्ट्स एलएलपी ने बीआईआईपीएल में सतिंदर सिंह भसीन के अनुरोध पर निवेश किया था। लेकिन उनके आपराधिक इतिहास के कारण बोर्ड में सीट नहीं ली। आरोप है कि उन्होंने बोर्ड में डीएस च्युइंग प्रोडक्ट्स की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर धोखाधड़ीपूर्ण लेनदेन किए, जिससे कंपनी, निवेशकों और होमबायर्स को नुकसान हुआ और अंततः बीआईआईपीएल को सीआईआरपी के तहत लाया गया। पुलिस तहरीर के आधार पर केस दर्ज भसीन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। इसी प्रकरण में कोतवाल विद्युत गोयल पर भी गाज गिरी है। अब तक बीटा-2 कोतवाली में नए प्रभारी की तैनाती नहीं हो सकी है। अधिकारियों ने जल्द नए कोतवाल की तैनाती की बात कही है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 20, 2025, 18:13 IST
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