Renuka Singh Thakur: दो साल की उम्र में पिता को खोया, तेरह साल की उम्र में घर छोड़ा, आज बन गईं विश्व विजेता

दो साल की उम्र में पिता का सिर से साया उठने के बाद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रेणुका ठाकुर का क्रिकेट का सफर संघर्षपूर्ण रहा। पिता की मौत के बाद माता सुनिता ने कई साल तक जल शक्ति विभाग में चतुर्थ श्रेणी सेवाएं देकर बच्चों का पालन-पोषण किया। चाचा भूपिंद्र ठाकुर की एक पहल ने रेणुका के जीवन को बदल कर रख दिया। रेणुका ठाकुर गांव के स्कूल में पढ़ती थीं। एक शाम रेणुका कपड़े की गेंद से छोटे से मैदान में लकड़ी का बल्ला और डंडों की विकेट बनाकर लड़कों के साथ खेल रहीं थीं। चाचा भूपिंद्र ठाकुर कॉलेज में उस समय प्राध्यापक तैनात थे। उन्हें यह पता तक नहीं था कि यह बच्ची उनके चचेरे भाई की है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 03, 2025, 19:27 IST
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