Bareilly News: सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी ने नामांतरण के मामले में आरटीआई के जरिए जीती लड़ाई, जानिए पूरा मामला
हरियाणा के गुरुग्राम निवासी सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी 85 वर्षीय हरभजन सिंह ने नामांतरण के मामले में आरटीआई के जरिए तीन साल में लड़ाई जीती। बरेली के सुभाषनगर में उनके ससुर नारायण सिंह का मकान है। उनकी मौत के बाद कुछ लोगों ने फर्जीवाड़ा कर अपने नाम नामांतरण करा लिया था। सैन्यकर्मी को जानकारी हुई तो उन्होंने नगर निगम से नामांतरण संबंधी अभिलेख मांगे, जब टाला गया तो वह सूचना अधिकार अधिनियम में राज्य सूचना आयोग तक गए। राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र सिंह ने प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए नगर निगम से जवाब मांगा। नगर निगम के अधिकारी चेते। अधिकारियों ने उन लोगों के नाम नोटिस जारी किए जिन्होंने नामांतरण करा लिया था। नोटिस मिलने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले जवाब दाखिल न कर सके तो नगर निगम ने नामांतरण संबंधी पुराने आदेश को निरस्त करते हुए सैन्यकर्मी के ससुर नारायण सिंह के नाम मकान को दर्ज कराया। इसकी प्रतिलिपि राज्य सूचना आयुक्त को भी भेजी गई है। अधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ाने की है दरकार राज्य सूचना आयुक्त राजेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना अधिकार अधिनियम 12 अक्तूबर 2005 को लागू हुआ था। 20 साल पूरे हो गए हैं। बीते बीस साल में कॉमन वेल्थ गेम्स से लेकर तमाम बड़े-बड़े घोटालों का खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम से हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। सरकार की जिम्मेदारी है कि अधिकारियों-कर्मचारियों को सूचना अधिकार अधिनियम की संवेदनशीलता के बारे में जागरूक करे। लोगों को चाहिए कि वे अपने अधिकार के लिए कानून को अपनाने का तरीका सीखें। अन्याय से मुकाबले के लिए अहम है आरटीआई सैन्यकर्मी हरभजन सिंह कहते हैं कि सूचना अधिकार अधिनियम को आम आदमी के लिए अन्याय के खिलाफ एक मजबूत हथियार है। इसके माध्यम उन्होंने अन्याय से मुकाबला किया और जीत हासिल की।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 12, 2025, 16:09 IST
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