Maharashtra: 'मराठा आरक्षण देने का सही समय, समुदाय का दिल जीतें फडणवीस', मुंबई में आंदोलन से पहले जरांगे बोले

कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने गुरुवार को कहा कि यह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए मराठा समुदाय की आरक्षण मांग को स्वीकार कर उनके दिल जीतने का 'सही मौका' है। जरांगे मुंबई में विरोध प्रदर्शन से पहले सैकड़ों समर्थकों के साथ पुणे जिले के शिवनेरी किले की तलहटी पर पहुंचे, जहां उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में केवल एक दिन के प्रदर्शन की अनुमति देकर सरकार ने उन्हें और मराठा समुदाय को अपमानित किया है। जरांगे बुधवार को जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव से अपने समर्थकों के साथ निकले थे। यह गांव मुंबई से 400 किलोमीटर दूर है। वह एक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने वाले हैं, लेकिन उन्होंने रास्ते में पुणे के पास सरकार के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए सहमति जताई है। 43 वर्षीय जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। शिवनेरी में पत्रकारों से जरांगे ने कहा, मैं एक बार फिर मुख्यमंत्री फडणवीस साहब से अपील करता हूं कि यह उनके लिए मराठा समुदाय के दिल जीतने का सही मौका है। उन्होंने कहा, अगर आप मांगें पूरी करेंगे तो मराठा समुदाय के लोग आपकी आखिरी सांस तक आपको नहीं भूलेंगे। समय अभी खत्म नहीं हुआ है। आप हमारे दुश्मन नहीं हैं। हम आपसे आग्रह करते हैं कि मराठा समुदाय के प्रति सख्त रुख छोड़ दें। ये भी पढ़ें:'किसी भी हालत में अन्याय से समझौता मत करना, सिर उठाकर जीना..', TMCP के स्थापना दिवस पर बोलीं ममता बनर्जी जरांगे ने फडणवीस से कहा कि वे मराठा समुदाय के लोगों को आजाद मैदान जाने से न रोकें। अगर मुख्यमंत्री एक दिन के लिए अनुमति दे सकते हैं, तो वे इसे बदल कर प्रदर्शन की अवधि लंबी करने की अनुमति भी दे सकते हैं। उन्होंने कहा, अगर आप प्रदर्शन के लिए एक दिन की अनुमति दे रहे हैं, तो एक दिन में आरक्षण की मांग भी पूरी करें। केवल एक दिन प्रदर्शन के लिए पर्याप्त नहीं है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि प्रदर्शन के लिए रखी सभी शर्तें वापस लें। जरांगे ने कहा कि केवल एक दिन की अनुमति देकर सरकार ने उन्हें और मराठा समुदाय को अपमानित किया है। उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि एक दिन के प्रदर्शन या 5,000 प्रदर्शनकारियों की सीमा जैसी कोई शर्त न लगाएं। अब मैं वापस नहीं जाऊंगा, भले ही वे मुझे गोली मारें। जरांगे ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और उकसावे में न आने की अपील भी की। इससे पहले जालना में जरांगे ने बताया था कि उन्हें मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल का फोन आया था, जिसमें बताया गया कि सरकार की एक टीम उनसे शिवनेरी में बातचीत के लिए पहुंचेगी। हालांकि, मंत्री और मराठा आरक्षण पर बनी मंत्रिमंडलीय समिति के प्रमुख विखे पाटिल ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने जरांगे से बातचीत करने का कोई फैसला नहीं लिया है। जरांगे ने भरोसा दिलाय कि उनके समर्थक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे और गणेश उत्सव में कोई बाधा नहीं डालेंगे। जरांगे की यह भी मांग है कि सभी मराठाओं को 'कुणबी' जाति के रूप में मान्यता दी जाए। यह एक कृषि आधारित जाति है, जो पहले से ओबीसी में शामिल है। इससे मराठाओं को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सकेगा। जालना पुलिस ने जरांगे और उनके समर्थकों को 40 शर्तों के साथ मार्च निकालने की अनुमति दी है। इनमें यह निर्देश भी शामिल हैं कि वे कानून-व्यवस्था न बिगाड़ें, वाहनों की आवाजाही में बाधा न डालें और कोई आपत्तिजनक नारे न लगाएं। ये भी पढ़ें:धर्मांतरण गिरोह में 200 से अधिक मौलाना दक्षिण भारत से जुड़े तार, हवाला से लेन-देन; सोशल मीडिया पर कई ग्रुप मुंबई में के आजाद मैदान थाने के वरिष्ठ निरीक्षक ने जरांगे को एक पत्र लिखकर अनुमति दी है कि वे 29 अगस्त को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक आजाद मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकते हैं। शाम छह बजे के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को स्थल छोड़ना होगा।मुंबई में प्रवेश के बाद वाड़ी बंदर जंक्शन से केवल मुख्य प्रदर्शनकारियों के पांच वाहन ही आजाद मैदान जा सकेंगे और वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 28, 2025, 11:39 IST
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