Pilibhit News: हिचकोलों से मिलेगी निजात, चूका और बाइफरकेशन की सड़कों का निर्माण शुरू
पीलीभीत। सैलानियों को अब बाइफरकेशन और चूूका बीच जाने पर हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। इन मार्गों की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग की हेड वर्क्स खंड डिवीजन को शासन से 3.10 करोड़ रुपये मिल गए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद बाइफरकेशन से कलीनगर तक 1.71 करोड़ और बाइफरकेशन से चूका गेट तक 1.40 करोड़ की लागत से मार्गों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। जिले की पहचान पीलीभीत टाइगर रिजर्व की खूबसूरती से है। चूका बीच के अलावा बाइफरकेशन स्थल भी पर्यटन के लिए अहम केंद्र माना जाता है। पर्यटन सत्र के दौरान सैलानियों का दबाव अधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा मंत्री और अन्य वीवीआईपी की आमद भी होती है। ऐसे में इन स्थलों पर पहुंचने के लिए सैलानियों को जर्जर हो चुके मार्गों से होकर गुजरना पड़ता है। कलीनगर से बाइफरकेशन जाने वाली सड़क खस्ताहाल हो चुकी है। वहीं बाइफरकेशन-चूका गेट तक जाने वाले नहर पटरी मार्ग भी गड्ढों में तब्दील हो गया है। दोनों मार्गों का निर्माण वर्ष 2015 में किया गया था। इस सबको ध्यान में रखते हुए सिंचाई विभाग की हेड वर्क्स खंड डिवीजन की ओर से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। शासन ने दस दिन पूर्व प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। --तीन मीटर से बढ़ाकर 3.75 मीटर हो जाएगी मार्गों की चौड़ाईबाइफरकेशन से कलीनगर तक मार्ग की लंबाई सात किलोमीटर और चौड़ाई तीन मीटर है। वहीं बाइफरकेशन से चूका गेट जाने वाले मार्ग की लंबाई पांच किलोमीटर और चौड़ाई तीन मीटर है। अब मार्ग की चौड़ाई तीन मीटर से बढ़ाकर 3.75 मीटर की जाएगी। प्रथम चरण में चौड़ाई बढ़ाने के लिए मार्ग के किनारे खोदाई की जा रही है। ---तराई के दस से अधिक गांवों के लोगों को मिलेगी राहततराई के दस से अधिक गांवों की हजारों आबादी के लोग बाइफरकेशन मार्ग से ही तहसील और जिला मुख्यालय के लिए जाते हैं। दिन भर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रहती है। हेड वर्क्स खंड की ओर से वाहनों से टैक्स वसूली का ठेेका भी नीलाम किया जाता है। ---3.10 करोड़ से दोनों मार्गों का निर्माण शुरू कराया गया है। कार्य को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। - अशोक कुमार सिंह, सहायक अभियंता, हेड वर्क्स खंड, बाइफरकेशनअधीक्षण अभियंता ने परखी सड़कों की गुणवत्ता पीलीभीत। अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर अधिशासी अभियंता ने हाल ही में बनाई गई सभी सड़कों की रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। बरेली के अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाश सिंह ने दो दिन पूर्व यहां आकर सड़कों की गुणवत्ता देखी। इन दिनों निर्माणाधीन सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। 30 अक्तूबर को पीडब्ल्यूडी की 1.27 करोड़ की लगात से दस किलोमीटर लंबी मझोला-ड्यूनीडाम सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। अफसरों ने काम बंद करा दिया। आरईएस की 18 अक्तूबर को सिरसा रोड, 12 नवंबर को भगवंतापुर, 14 दिसंबर को हरचुईया सड़क की गुणवत्ता को लेकर वीडियो भी वायरल हुए थे। जिनमें हाथ से सड़क उखड़ती दिखाई दे रही थी। इसी गुणवत्ता को लेकर शुक्रवार को बरेली से आए पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ने प्रांतीय खंड के अभियंताओं के साथ बैठक कर निर्माणाधीन सड़कों के बारे में जानकारी की। खास बात यह रही कि अधीक्षण अभियंता ने सड़कों की धरातल पर जाकर स्थिति देखने की जरूरत नहीं समझी। पिछले दिनों गुणवत्ता को लेकर सुर्खियों में रही मझोला में 1.27 करोड़ की निर्माणधीन सड़क की जांच करने की जरूरत नहीं समझी। कार्यालय में बैठकर कागजों में ही गुणवत्ता परखने के बाद लौट गए। यह आलम तब है जब सड़कों के निर्माण में लगातार सवाल उठ रहे हैं। अब अधिशासी अभियंता हाल ही में बनाई गई निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इसे जल्द ही अधीक्षण अभियंता को भेजा जाएगा। संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 25, 2022, 22:51 IST
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