सर्वेश्वरदयाल सक्सेना: सुनना चाहता हूँ एक समर्थ सच्ची आवाज़ यदि कहीं हो
अब मैं कुछ कहना नहीं चाहता, सुनना चाहता हूँ एक समर्थ सच्ची आवाज़ यदि कहीं हो। अन्यथा इसके पूर्व कि मेरा हर कथन हर मंथन हर अभिव्यक्ति शून्य से टकराकर फिर वापस लौट आए, उस अनंत मौन में समा जाना चाहता हूँ जो मृत्यु है। वह बिना कहे मर गया यह अधिक गौरवशाली है यह कहे जाने से - कि वह मरने के पहले कुछ कह रहा था जिसे किसी ने सुना नहीं। साभार - राजकमल प्रकाशन
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 25, 2025, 16:52 IST
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना: सुनना चाहता हूँ एक समर्थ सच्ची आवाज़ यदि कहीं हो #Kavya #Kavita #SarveshwarDayalSaxena #HindiKavita #हिंदीकविता #सर्वेश्वरदयालसक्सेना #SubahSamachar