Sawan 2025: विज्ञान और आस्था का अनूठा मेल... नाम मिला 'पारदेश्वर महादेव'; क्या है पारे से बने शिवलिंग का रहस्य
शिवभक्ति के पावन महीने श्रावण में राजस्थान के श्रद्धालुओं के बीच एक नया अध्याय जुड़ गया है। भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड के शक्करगढ़ कस्बे में स्थित श्री संकट हरण हनुमत धाम मंदिर में स्थापित 251 किलो पारे से निर्मित पारदेश्वर महादेव शिवलिंग आज न केवल राजस्थान, बल्कि देशभर के शिवभक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। सावन मास में यहां भक्ति और दर्शनार्थियों का मेला जैसा माहौल बना रहता है। शिवलिंग के अनेक स्वरूप होते हैं, लेकिन पारे से निर्मित शिवलिंग दुर्लभतम माने जाते हैं। यह 251 किलो का पारद शिवलिंग राजस्थान में अपनी तरह का पहला और अब तक का सबसे भारी शिवलिंग है। यह दिखने में छोटा लगता है, पर इसका वजन सुनकर कोई भी चकित हो सकता है। पारा (पारद) एक तरल धातु है, जिससे ठोस रूप में शिवलिंग बनाना शास्त्र सम्मत प्रक्रिया और तपस्वी संन्यासियों का कार्य है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jul 24, 2025, 15:20 IST
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