SC: यौन उत्पीड़न मामलों में असंवेदनशील टिप्पणियों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- पीड़ितों पर पड़ता है डरावना असर

सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों में न्यायालयों की असंवेदनशील टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां पीड़ितों, उनके परिवारों और पूरे समाज परडरावना असर डालती हैं और कई बार इन्हीं के आधार पर पीड़ितों पर मामले वापस लेने का दबाव बनाया जाता है। मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सोमवार को यह टिप्पणी उस समय की, जब उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 17 मार्च के उस आदेश पर स्वतः संज्ञान लिया जिसमें अदालत ने यौन उत्पीड़न के गंभीर कृत्यों को हल्का मानते हुए टिप्पणी की थी कि यह बलात्कार के प्रयासको साबित नहीं करता। ऐसी टिप्पणियां पीड़ितों को खामोश कर देती हैं-सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाल के महीनों में कई हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट में इस तरह की असंगत और असंवेदनशील टिप्पणियां की गई हैं। एक मामले मेंहाईकोर्ट ने कहा कि रात का समय होने के कारण यह आरोपी के लिए आमंत्रण जैसा था, जिस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई। ये भी पढ़ें:-सियासी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान, कहा-कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे एक अन्य वकील ने बताया कि एक ट्रायल कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई के बावजूद कई लोग मौजूद थे और पीड़िता को कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया। इस पर CJI ने कहा कृपया सभी उदाहरण हमें दीजिए, ताकि हम व्यापक दिशानिर्देश तैयार कर सकें। ऐसी टिप्पणियां पीड़ितों को चुप करा देती हैं और न्याय प्रक्रिया पर असर डालती हैं। हाईकोर्ट का आदेश रोका, दोबारा लगेगी सख्त धाराएं सुप्रीम कोर्ट ने अलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश अस्थायी रूप से रोक दिया और निर्देश दिया कि ट्रायल कोर्ट बिना प्रभावित हुए धारा 376, 511 आईपीसी और पॉक्सो (POCSO) के तहत आरोप तय कर सकती है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यह आदेश आरोपी की दोषसिद्धि का संकेत नहीं है। जानिए मामला क्या है एक महिला और उसकी 14 वर्षीय बेटी के साथ हुए कथित हमले में आरोप है कि तीन पुरुषों ने नाबालिग की छाती को दबाया,उसके पायजामे की डोरी खींची औरउसे नीचे खींचने की कोशिश की।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे बलात्कार के प्रयास का मामला न मानते हुए केवल धारा 354B IPC लगाने के निर्देश दिए थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 08, 2025, 16:37 IST
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