CJI: 'आर्थिक नीतियों में सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देता, जब तक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो', चीफ जस्टिस बोले

चीफ जस्टिस (सीजेआई) बीवाई गवई ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका हमेशा कानून के शासन की रक्षक रही है और सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करता है कि वह आर्थिक नीतियों से जुड़े मामलों में तब तक दखल न दे, जब तक कि मौलिक अधिकारों या संविधान के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन न हो। सीजेआई वाणिज्य न्यायालयों के स्थायी अंतरराष्ट्रीय मंच की छठी पूर्ण बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक और कॉर्पोरेट मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सतर्क रहा है और उसने कानूनी या कॉर्पोरेट ढांचे के दुरुपयोग के हर प्रयास को खारिज किया है। ये भी पढ़ें:90 हजार आवारा कुत्ते और शेल्टर होम सिर्फ आठ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बढ़ी BMC की मुश्किलें 'विधायिका की मंशा के अनुरूप होनी चाहिएवाणिज्यिक कानून की व्याख्या' सीजेआई ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि वह आर्थिक नीतियों से जुड़े मामलों में तभी दखल दे, जब मौलिक अधिकारों या संविधान के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन हो। इसी तरह, अदालत ने यह भी दोहराया है कि किसी भी वाणिज्यिक कानून की व्याख्या विधायिका की मंशा के अनुरूप होनी चाहिए, साथ ही न्याय और जनहित को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।' 'संविधान की सीमा के अंदर काम करे राज्य' जस्टिस गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा आर्थिक स्वतंत्रता, नियामक अनुशासन और निष्पक्षता के बीच संतुलन बनाए रखा है। उन्होंने कहा, 'अदालत ने स्पष्ट किया है कि राज्य की शक्तियां, खासकर कराधान और विनियमन के मामलों में, स्पष्ट कानूनी आधार पर टिकनी चाहिए और संविधान की सीमाओं के भीतर काम करनी चाहिए।' उन्होंनेयह भी कहा कि नियामक निकायों को वित्तीय स्थिरता और सार्वजनिक विश्वास बनाए रखना चाहिए, लेकिन उनके कदम हमेशा उचित और अनुपातिक होने चाहिए। ये भी पढ़ें:हत्या में हथियार न मिलना केस को झूठा नहीं बनाता, उम्रकैद की सजा बरकरार; कलकत्ता हाईकोर्ट का अहम फैसला सीजेआई ने आगे कहा कि वाणिज्यिक और कॉर्पोरेट मामलों में सुप्रीम कोर्ट पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने में सतर्क रहा है और उसने कानूनी या कॉर्पोरेट ढांचे का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी से लाभ उठाने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार किया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 08, 2025, 15:08 IST
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