SC: वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अधिनियम की सांविधानिक वैधता को दी है चुनौती

सुप्रीम कोर्ट कल संशोधित वक्फ कानून की सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। कुछ हफ्तों पहले केंद्र सरकार ने इस कानून के दो विवादास्पद प्रावधानों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी। सरकार का रुख क्या है केंद्र ने 17 को सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया था कि वह पांच मई तक न ही किसी वक्फ संपत्ति को अधिसूचित करेगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति करेगा। कोर्ट में अब तक क्या हुआ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि संसद ने यह कानून सोच-समझकर बनाया है। इसलिए बिना सरकार की पूरी बात सुने इसे स्थगित करना उचित नहीं होगा। वहीं, कोर्ट ने केंद्र को कहा कि अगली सुनवाई तक वक्फ संपत्तियों में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए। ये भी पढ़ें:मुर्शिदाबाद हिंसा:'बंगाल के सामने कट्टरपंथ और उग्रवाद की दोहरी चुनौती', राज्यपाल ने MHA को सौंपी रिपोर्ट तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच (चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन) पांच मई को याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इनमें एआईएमआईएमके प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है। सरकार ने 25 अप्रैल को 1,332 पन्नों का प्रारंभिक जवाबी हलफनामा दाखिल किया था। इसमें सरकार ने कहा था, 'वक्फ बाय यूज़र'को एक सदी से पंजीकरण के दायरे में रखा गया है। इस कानून से मुसलमानों के धार्मिक विश्वास को कोई ठेस नहीं पहुंचती है। 2013 के बाद 116 फीसदी वक्फ जमीन में बढ़ोतरी चिंताजनक है। 2013 से पहले कुल 18.29 लाख एकड़ वक्फ जमीन थी, लेकिन अब 20.92 लाख एकड़ हो चुकी है। कई निजी और सरकारी जमीन को गलत तरीके से वक्फ घोषित किया गया। मुस्लिम पक्षों की क्या आपत्तियां हैं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का कहना है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत आंकड़े पेश किए हैं। बोर्ड ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वह केवल पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा, बाकी 70 से ज्यादा याचिकाओं को अभी नहीं सुना जाएगा। ये भी पढ़ें:Andhra Pradesh:राष्ट्रीय राजमार्ग पर टकराए एक के बाद एक कई वाहन, पांच की मौत, आठ घायल संसद में कानून कैसे पास हुआ लोकसभा में 288 सांसदों ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 का समर्थन किया, जबकि 232 इसके खिलाफ थे। राज्यसभा में 128 वोट इस विधेयक के पक्ष में पड़े और 95 विपक्ष में गए। विधेयक को 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। द्रमुक, वाईएसआरसीपी, एआईएमआईएम, वाम दल, मुस्लिम संस्थाएं, एनजीओ और नागरिक समाज समूह इस कानून का विरोध कतर रहे हैं। संबंधित वीडियो-

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 04, 2025, 17:54 IST
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