Diwali 2025: 21 हजार दीपों से जगमगाएगा कुबेरेश्वरधाम, बड़ी दीपावली के एक दिन पहले पहुंचे हजारों श्रद्धालु

जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित चितावलिया हेमा गांव में बना मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर इस दीपावली 20 अक्टूबर को अलौकिक दृश्य प्रस्तुत करेगा। मंदिर परिसर को 21 हजार दीयों से रोशन किया जाएगा। जब एक साथ इतने दीपक प्रज्वलित होंगे तो पूरा धाम स्वर्ण आभा में नहाएगा, और श्रद्धालु अपने आराध्य के समक्ष आत्मिक प्रकाश का अनुभव करेंगे। यह दृश्य श्रद्धा, संस्कृति और दिव्यता का अनूठा संगम बनेगा। शनिवार को मंदिर परिसर में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि दीप पर्व केवल बाहर के प्रकाश का नहीं, भीतर के उजियारे का उत्सव है। उन्होंने कहा कि हमें केवल घर नहीं, ग्रह की स्वच्छता का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि प्रकृति अब अंतिम अवसर दे रही है। यदि हम अब भी नहीं जागे, तो आगे शायद अवसर न मिले। दीपावली का अर्थ है, स्वयं को और संसार को स्वच्छ, उज्ज्वल और शुभ बनाना। रंगोली, रोशनी और श्रद्धा से सजा मंदिर परिसर प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में विठलेश सेवा समिति और स्थानीय श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से तैयारियों में जुटे हैं। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और पारंपरिक सजावट से सुसज्जित किया गया है। हर कोने में रंगोली की सुगंध, दीपों की ज्योति और भक्ति के गीत वातावरण को दिव्यता से भर रहे हैं। श्रद्धालु सुबह से शाम तक दर्शन और सेवा में लीन हैं। ये भी पढ़ें-छोटी दिवाली पर क्यों होता है यमाष्टक का पाठ जानें क्या है यम दीपक और यमाष्टक स्तोत्र का रहस्य मिट्टी के दीयों से जीवित परंपरा छोटी दीपावली के अवसर पर भक्तों ने मिट्टी के दीयों से पूजा अर्चना की। पंडित प्रदीप मिश्रा हर वर्ष मिट्टी की कला को प्रोत्साहित करने का संदेश देते हैं। इस परंपरा से न केवल स्थानीय कारीगरों को रोजगार मिलता है, बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित रहता है। हजारों श्रद्धालु अपने हाथों से दीप जलाकर भगवान कुबेरेश्वर को समर्पित करते हैं। हर दीप में एक प्रार्थना, हर ज्योति में भक्ति का भाव होता है। पांच दिवसीय भक्ति पर्व का आरंभ कुबेरेश्वरधाम में इस बार भी धनतेरस से भाई-दूज तक पांच दिवसीय पर्व का आयोजन किया जा रहा है। हर दिन विशेष आरती, भजन-संध्या और पूजन अनुष्ठान से वातावरण पवित्र बनेगा। कार्तिक माह में मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है। पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला और समिति के अन्य सदस्यों ने श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी वितरण कर सेवा का भाव निभाया। हर ओर भक्ति, प्रेम और उल्लास का संगम दिख रहा है। अन्नकूट महोत्सव की होगी भव्य झांकी समिति के सदस्य मनोज दीक्षित ने बताया कि दीपावली के बाद यहां अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होगा। दुनिया की सबसे बड़ी भोजनशाला के रूप में प्रसिद्ध यह मंदिर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को निशुल्क प्रसाद प्रदान करता है। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के मिष्ठान और व्यंजन का भोग लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं द्वारा सजाई गई झांकियां और अन्नकूट प्रसादी की सुगंध पूरे धाम में भक्ति का वातावरण रचेगी। अन्नकूट प्रसाद का स्वाद केवल जीभ तक नहीं, बल्कि आत्मा तक उतरता है। क्योंकि इसमें भक्ति, प्रेम और सेवा का अमृत घुला होता है। यही सनातन परंपरा की पहचान है, जहां हर दीप में श्रद्धा है और हर अन्नकूट में आस्था का रस। 21 हजार दीपों से जगमगाएगा कुबेरेश्वरधाम 21 हजार दीपों से जगमगाएगा कुबेरेश्वरधाम 21 हजार दीपों से जगमगाएगा कुबेरेश्वरधाम 21 हजार दीपों से जगमगाएगा कुबेरेश्वरधाम 21 हजार दीपों से जगमगाएगा कुबेरेश्वरधाम

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 19, 2025, 18:19 IST
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