Bangladesh: 'इस्लामिक चरमपंथियों का प्रभाव बढ़ा', शेख हसीना बोलीं- प्रशासन पर नियंत्रण खो चुके हैं यूनुस

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूनुस प्रशासन पर नियंत्रण खो चुके हैं और इस्लामिक चरमपंथी गुट, जो आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं, देश में कठोर विचारधारा फैला रहे हैं। हसीना ने दावा किया कि बांग्लादेश में अब लोकतंत्र नहीं बचा है, क्योंकि देश को ऐसे व्यक्ति के हाथों में दे दिया गया है, जिसके पास जनता का जनादेश ही नहीं है। भारत में निर्वासन के दौरान रह रहीं शेख हसीना ने द वीक पत्रिका में लिखे लेख में कहा कि यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता संभाली है। उन्होंने लिखा कि जब किसी देश का शासन ऐसे व्यक्ति के हाथ में हो, जिसे जनता ने नहीं चुना, तो वहां सच्चा लोकतंत्र नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार ने सबसे लोकप्रिय राजनीतिक दल, अवामी लीग, पर प्रतिबंध लगा दिया है और करोड़ों नागरिकों को मतदान से वंचित कर दिया है। हिंसा और चरमपंथ पर हमला हसीना ने कहा कि यूनुस सरकार के शुरुआती हफ्तों में ही बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, ईसाई और आदिवासी समुदायों पर हजारों हमले हुए। उन्होंने लिखा कि मंदिरों, मठों और पूजा स्थलों को नष्ट किया जा रहा है, जबकि अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। हसीना ने कहा कि हत्याएं, बलात्कार, लूट और आगजनी अब आम बात हो गई हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि हिज्ब उत-तहरीर जैसे कट्टरपंथी संगठन अब सामाजिक ढांचे में गहराई तक जड़ जमा चुके हैं और वे उन्हीं ताकतों में से हैं जिन्होंने 2016 के हॉली आर्टिजन कैफे हमले को अंजाम दिया था। ये भी पढ़ें-'टेगौर की सलाह पर ही छोटा किया गया वंदे मातरम', कांग्रेस नेता जयराम बोले- माफी मांगे PM मोदी यूनुस की नीतियों पर तीखा प्रहार पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के पास शासन चलाने का अनुभव नहीं है और उनका प्रशासन पूरी तरह दिशाहीन हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस वास्तव में अपने ही प्रशासन के नियंत्रण में नहीं हैं। हसीना ने कहा कि जो संविधानिक चार्टर वर्तमान सरकार ने लागू किया है, वह जनता की आवाज नहीं बल्कि एक राजनीतिक हथकंडा है जो अधिनायकवाद को वैध ठहराने के लिए बनाया गया है। उन्होंने आगाह किया कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो बांग्लादेश विभाजन और अराजकता की ओर बढ़ सकता है। विकास से विनाश तक की कहानी हसीना ने कहा कि उनके शासनकाल में बांग्लादेश ने अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति की थी। जब हमने सत्ता संभाली थी, तब देश की अर्थव्यवस्था कमजोर थी। लेकिन हमारी नीतियों ने जीडीपी को 47 अरब डॉलर से बढ़ाकर 600 अरब डॉलर तक पहुंचाया । उन्होंने दावा किया कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया, महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ी और विदेशी मुद्रा भंडार कई गुना बढ़ा। लेकिन अब, बिना जनादेश वाली सरकार ने उस विकास को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को अब ईमानदार और भागीदारी आधारित चुनाव परंपरा की ओर लौटना होगा, तभी देश दोबारा स्थिरता पा सकेगा। ये भी पढ़ें-शटडाउन का 36वां दिन:विमानन क्षेत्र पर नए प्रतिबंध, 40 जगहों पर उड़ान क्षमता में 10% कटौती, क्या होगा असर खालिदा जिया की पार्टी ने अंतरिम सरकार पर चुनाव बाधित करने का आरोप बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया कि वह ऐसी स्थिति बना रही है जिससे आने वाले आम चुनाव बाधित हो सकते हैं। ढाका में आयोजित एक रैली में पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि देश की जनता फरवरी 2026 में होने वाले चुनाव और जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह को एक ही दिन कराने की मांग कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार चुनाव में देरी करती है तो जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। जुलाई चार्टर यूनुस की अध्यक्षता वाले नेशनल कंसेंसस कमीशन द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें 84 सुधार प्रस्ताव शामिल हैं। यह चार्टर कई पार्टियों से चर्चा के बाद तैयार किया गया, लेकिन इसमें पदच्युत प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग को शामिल नहीं किया गया था। हालांकि बीएनपी ने शुरू में जनमत संग्रह पर आपत्ति जताई थी, बाद में उसने इसे चुनाव के साथ कराने का सुझाव दिया। वहीं, जमात-ए-इस्लामी और कुछ अन्य इस्लामी दल चाहते हैं कि जनमत संग्रह चुनाव से पहले कराया जाए। यूनुस समर्थित छात्र संगठन नेशनल सिटिजन पार्टी ने कहा कि चार्टर में असहमति की कोई जगह नहीं होगी, जिससे बीएनपी नाराज है। आयोग ने सभी दलों से एक सप्ताह के भीतर सहमति बनाने को कहा है, वरना सरकार अकेले फैसला लेगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 07, 2025, 21:42 IST
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