SIR In Prayagraj : माता-पिता नहीं रहे, कहां से लाएं 22 साल पुरानी जानकारी

22 साल में बहुत कुछ बदल गया। माता-पिता नहीं रहे और न ही दोनों का वोटर आईकार्ड मेरे पास है। ऐसे में गणना प्रपत्र भरने के लिए माता-पिता के बारे में 22 साल पुरानी जानकारी कहां से लाएं यह सवाल है तुलारामबाग निवासी रामकृष्ण सिंह का है। उन्हें गणना प्रपत्र में माता-पिता के नाम आदि की जानकारी के साथ 2003 में उनकी भाग संख्या और क्रम संख्या की जानकारी भी भरनी है। उनके पास न तो 22 साल पुरानी वोटर लिस्ट है और न ही माता-पिता का वोटर आईकार्ड। जिनके नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं लेकिन 2003 में वे मतदाता नहीं थे, उन्हें गणना प्रपत्र में इस तरह की जानकारी देनी है। दिक्कत सिर्फ यही नहीं है, कई लोगों के पते के साथ विधानसभा क्षेत्र भी बदल चुके हैं। वे 2003 में मतदाता ताे थे लेकिन बाद में नई जगह मतदाता बन गए। अगर वे 2003 में मतदाता थे तो उन्हें भी 22 वर्ष पुरानी भाग संख्या व क्रम संख्या भरनी है। ऐसे लोगों के पास पुराने दस्तावेज नहीं हैं और जानकारी के अभाव में अब उन्हें अपना नाम कटने की चिंता सता रही है। पांच हजार के ऊपर पहुंची बूथों की संख्या निर्वाचन आयोग ने मानक तय कर दिया है कि किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इससे पहले प्रति बूथ 1400 वोटरों का मानक तय था। बूथों के संभाजन की प्रक्रिया चल रही है और आलेख्य सूची भी प्रकाशित कर दी गई है। अब तक 12 विधानसभा क्षेत्रों में 4713 बूथ थे लेकिन संभाजन के बाद यह संख्या बढ़कर 5126 पहुंच रही है। यानी 413 नए बूथ बनने जा रहे हैं। इस पर जिला प्रशासन ने आम लोगों व राजनीतिक दलों से 13 नवंबर तक आपत्तियां भी मांग ली हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 12, 2025, 11:45 IST
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