Steel: छोटी इस्पात कंपनियों ने नौकरियों-उत्पादन में कटौती का फैसला टाला, आयात पर शुल्क लगाने के बाद निर्णय

सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए भारत की ओर से पांच इस्पात उत्पाद श्रेणियों पर 12 फीसदी का सुरक्षा शुल्क लगाए जाने के बाद देश की छोटी स्टील मिलों ने नौकरियों और उत्पादन में कटौती की योजना को फिलहाल टाल दिया है। मिल अधिकारियों का कहना है कि घरेलू उत्पादकों की रक्षा के लिए शुल्क लगाना सरकार का अच्छा फैसला है। इससे चीन से इस्पात आयात में गिरावट आ सकती है। पंजाब के जोगिंद्रा समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आदर्श गर्ग ने कहा, सुरक्षा शुल्क लगाना घाटे में चल रहे उद्योग के लिए बड़ी राहत है और यह कीमतें बढ़ाने का अवसर मुहैया करा सकता है। फिलहाल हमने नौकरियों में कटौती के फैसले को टाल दिया है। हम देखेंगे कि इस कदम के बाद मांग कैसी रहती है। ये भी पढ़ें:Gold:सोना इस साल ₹22,650 महंगा, अगले एक माह में 8 फीसदी तक घट सकते हैं दाम; अक्षय तृतीया और शादी में मांग तेज राहत से इस्पात की बढ़ेगी मांग: वेदांत गोयल पुणे स्थित एनलाइट मेटल्स के निदेशक वेदांत गोयल ने कहा, इस राहत से इस्पात की मांग बढ़ेगी, जिससे सस्ते आयात के कारण हटाए जाने वाले बाहरी श्रमिकों को बनाए रखने में मदद मिलेगी। नेविगेट कमोडिटीज के प्रबंध निदेशक अटिला विडनेल ने कहा, भारत की इस सख्ती से चीनी अधिकारियों पर घरेलू इस्पात उत्पादन क्षमता सुधारों को अनिवार्य बनाने में तेजी लाने का दबाव बढ़ेगा, ताकि स्थानीय और वैश्विक मांग में गिरावट के साथ अतिरिक्त आपूर्ति को संतुलित किया जा सके। शोध संस्थान जीटीआरआई ने कहा, शुल्क लगाने से इस्पात आयात रुक सकता है और आयातकों को घरेलू कंपनियों से खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। ये भी पढ़ें:E-Pay Tax:आयकर विभाग ने पोर्टल पर शुरू की 'ई-पे टैक्स' सुविधा, करों का आसानी से भुगतान कर सकेंगे करदाता संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 23, 2025, 06:38 IST
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