Srinagar Blast: अमोनियम नाइट्रेट की पहली बार जांच कर रही थी टीम, सैंपल लेते ही थाने में हुआ धमाका; चूक तो हुई
एफएसएल की टीम पहली बार अमोनियम नाइट्रेट जैसे अत्यधिक ज्वलनशील और खतरनाक पदार्थ की जांच कर रही थी। श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में टीम ने पहले ही 10 से अधिक बोरियों में भरे अमोनियम नाइट्रेट का परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया था। सिर्फ तीन बारियों में भरे विस्फोटक की सैंपलिंग होनी थी। इसी दौरान इसमें धमाका हो गया। सुरक्षा से जुड़े एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि नौगाम पुलिस थाने में फरीदाबाद से जब्त अमोनियम नाइट्रेट की जांच चल रही थी। एफएसएल की टीमों ने करीब 10 बोरियों में रखे अमोनियम नाइट्रेट की जांच कर ली थी। टीम में लैब के वरिष्ठ व अनुभवी विशेषज्ञ थे। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का भी सख्ती से पालन किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि तीन बारियों में रखे अमोनियम नाइट्रेट की जांच के लिए सैंपलिंग होनी थी। यह जांच शनिवार को की जानी थी लेकिन मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और संवेदनशील होने के कारण जांच टीमें इसे जल्द पूरा करना चाहती थीं। शनिवार को श्रीनगर में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक भी होनी थी। इसमें दिल्ली धमाके और फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने की जांच की प्रगति और जम्मू-कश्मीर में तलाशी अभियानों पर भी चर्चा होनी थी। यही कारण था कि एफएसएल की टीम शुक्रवार रात 11:20 बजे तक जांच में लगी रहीं। कहीं कोई चूक का अंदेशा एक अधिकारी ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट के अति संवेदनशील होने के चलते जरा सी चूक भी घातक साबित होती है। अंदेशा है कि ऐसी ही चूक नौगाम पुलिस थाने में हुई होगी। ये चूक किस स्तर पर हुई, यहां किसी तरह का केमिकल रिएक्शन हुआ या नहीं ये सब जांच के बाद ही पता चल पाएगा। तो पूरे इलाके में होती तबाही सूत्रों ने कहा कि यदि फरीदाबाद से जब्त किया गया 2,900 किग्रा अमोनियम नाइट्रेट पूरा यहां रखा होता तो पूरे इलाके में तबाही मच जाती। इस धमाके को देखकर लगता है कि ये जांच के दौरान तीन बोरियों में रखे अमोनियम नाइट्रेट में ही हुआ है। विस्फोट में क्षत-विक्षत हुए शव, डीएनए जांच के लिए हुई सैंपलिंग एफएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस थाने में टीम विस्फोटक के नमूने लेने गई थी, वहां उसे अब अपने कर्मचारियों के मौत के कारण की जांच करनी होगी। विस्फोट में शव क्षत-विक्षत हुए हैं। घटना स्थल पर हमने अपने कर्मचारियों की डीएनए जांच के लिए सैंपलिंग की है। यह हमारे लिए सबसे भावुक समय रहा। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हादसा पहली बार हुआ है जो सभी के लिए यह डरावना अनुभव है। धमाके में जिन एफएसएल कर्मचारियों की जान बची है वे हादसे के वक्त दूसरे कमरे थे। आतंकी हमला नहीं, यह महज एक हादसा : जनरल बख्शी रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि यह दुर्घटना ही है। सावधानी बरती गई होगी, क्योंकि कोई अपनी ही जान के साथ नहीं खेलता। यह लोग इतने प्रशिक्षित नहीं थे, लेकिन इतने नौसिखिए भी नहीं रहे होंगे। इन लोगों ने सोचा होगा कि यह शुद्ध केमिकल है। जबकि इससे धमाका करने के लिए इसमें फ्यूल ऑइल मिलाया जाता है। यह समझ नहीं आता कि बगैर किसी डेटोनेटर के यह कैसे फट गया। जब तक किसी हायर ग्रेड एक्सप्लोसिव के साथ न मिलाएं यह नहीं फटता। शायद उन्होंने यह नहीं समझा कि इसमें कोई एकसप्लोसिव पहले से मिक्स है। इसमें ज़रूर कुछ मिला हुआ होगा। अकेले अमोनियम नाइट्रेट फटने लगे तो हर किसान के घर फटना शुरू हो जाए। फरीदाबाद में ही लेने चािहए थे विस्फोटक के नमूने : कर्नल शर्मा रक्षा विशेषज्ञ कर्नल राकेश शर्मा ने कहा कि अमोनियम नाइट्रेट अपने आप नहीं फटता। यह तभी फटता है जब इसके साथ कोई डिटोनेटर या अन्य विस्फोटक शामिल हो। इसलिए कहीं न कहीं लापरवाही हुई है। यह स्पष्ट नहीं है कि अमोनियम नाइट्रेट और डिटोनेटर अलग-अलग रखे गए थे या एकसाथ रखे थे। हो सकता है डिटोनेटर भी साथ रखे हों और सैंपलिंग के समय उसका बॉक्स हाथ से छूट गया हो। एफएसएल के साथ बम निरोधक दस्ते के सदस्यों भी रखे जाने चाहिए थे। इस विस्फोटक का भंडारण भी विशेष स्थितियों में किया जाना चाहिए। ऐसे ही किसी मालखाने में डाल देने वाला रवैया ठीक नहीं है। पहली बात तो यह है कि इसकी सैंपलिंग का काम बरामदगी वाले स्थान यानी फरीदाबाद में ही होना चाहिए था, न कि ठेठ वहां नौगाम में।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 17, 2025, 03:35 IST
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