Supreme Court: 'हत्या के मामले में मकसद न होना बरी होने का आधार नहीं', अदालत ने बरकरार रखी हत्यारे की उम्र कैद

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि हत्या के मामले में मकसद न होना बरी होने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने 2012 में अपने बेटे की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी। जस्टिस सुधांशु धूलिया और के विनोद चंद्रन की पीठ ने अपने इकलौते बेटे की हत्या की असंभवता के बारे में व्यक्ति की जोरदार दलील को बचकाना बताते हुए खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता की एक और आकर्षक दलील उसके बेटे की हत्या के लिए उद्देश्य की अनुपस्थिति के बारे में थी। पीठ ने कहा, जिस तरह एक मजबूत उद्देश्य अपने आप में दोषसिद्धि का कारण नहीं बनता, उसी तरह एकमात्र उद्देश्य की अनुपस्थिति के कारण बरी नहीं हुआ जा सकता। ये भी पढ़ें:Waqf Law:हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार को लताड़ा, पूछा- वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन की अनुमति क्यों दी दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर आया फैसला यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के अगस्त 2022 के फैसले को चुनौती देने वालीअपील पर आया है। इसमें निचली अदालत ने व्यक्ति को दोषी साबित करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। शीर्ष अदालत के निर्णयों का उल्लेख करते हुए, पीठ ने कहा कि यदि मामला केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है, तो मकसद की अनुपस्थिति आरोपी के पक्ष में एक कारक होगी। अदालत ने कहा कि मकसद अपराधी के दिमाग के अंदरूनी हिस्सों में छिपा रहता है जिसे अक्सर जांच एजेंसी द्वारा पता नहीं लगाया जा सकता है। अपील को खारिज करते हुए, पीठ ने कहा कि वह अपीलकर्ता की सजा और सजा में हस्तक्षेप नहीं करेगी, क्योंकि जांच में पाया गया कि मौत नजदीक से चलाई गई गोली के कारण हुई थी। ये भी पढ़ें:SC:शरीयत नहीं, उत्तराधिकार कानून लागू करने की मांग वाली याचिका पर 'सुप्रीम' सुनवाई, केंद्र और केरल को नोटिस यह है मामला घटना 14–15 दिसंबर 2012 की रात की है, जब अपीलकर्ता अपने निवास पर अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता था। उसी रात उनके सबसे छोटे बेटे की छाती में करीब से गोली लगने से मृत्यु हो गई। अपीलकर्ता सुभाष अग्रवाल ने परिवार को बताया कि बेटे ने पेचकस से आत्महत्या कर ली है। प्रमुख गवाहों में अभियुक्त की पत्नी और बेटियां थीं, जिन्होंने घटना के बाद अभियुक्त के व्यवहार के बारे में गवाही दी। एक पड़ोसी ने बताया कि अभियुक्त ने उसे भी यही बताया कि बेटे ने पेचकस से आत्महत्या की, जबकि उस पर खून के कोई निशान नहीं थे। संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 18, 2025, 05:27 IST
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