Bagram Airfield: 'जमीन का एक कण भी नहीं देंगे'; बगराम एयरबेस को लेकर ट्रंप की धमकी पर तालिबान का साफ जवाब
तालिबान सरकार ने रविवार को बगराम एयर बेस पर फिर से कब्जा करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास को खारिज कर दिया। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि बगराम एयर बेस पर समझौता 'संभव नहीं' है। बगराम एयर बेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तर में स्थित देश का सबसे बड़ा एयर बेस है और तालिबान के खिलाफ 20 साल के युद्ध में अमेरिकी अभियानों का केंद्र रहा है। अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद यह विशाल सैन्य अड्डा तालिबान के हाथों में चला गया था। ट्रंप ने संकेत दिया था कि तालिबान अमेरिकी सेना को वापस आने की अनुमति देने के लिए तैयार हो सकता है। ये भी पढ़ें:Brazil:ब्राजील के 26 राज्यों और संघीय जिले में प्रदर्शन, बोल्सोनारो को माफी देने वाले विधेयक का किया विरोध अफगान की एक इंच जमीन पर भी समझौता संभव नहीं अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के चीफ ऑफ स्टाफ फसीहुद्दीन फितरत ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक समझौते के जरिये बेस वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान की एक इंच जमीन पर भी समझौता संभव नहीं है। हमें इसकी जरूरत नहीं है।' इसके बाद, अफगान सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर चेतावनी दी कि 'अफगानिस्तान की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता अत्यंत महत्वपूर्ण है।' सभी देशों के साथ आपसी और साझा हितों के आधार पर रचनात्मक संबंध चाहता है अफगानिस्तान तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए अमेरिका से यथार्थवाद और तर्कसंगतता की नीति अपनाने के लिए कहा। मुजाहिद ने एक्स पर लिखा कि अफगानिस्तान की विदेश नीति अर्थव्यवस्था-उन्मुख है और वह सभी देशों के साथ आपसी और साझा हितों के आधार पर रचनात्मक संबंध चाहता है। सभी द्विपक्षीय वार्ताओं में अमेरिका को लगातार यह बताया गया है कि अफगानिस्तान की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। तालिबान ने ट्रंप को दिलाई दोहा समझौते की याद तालिबान सरकार ने रविवार को एक आधिकारिक बयान भी जारी किया, ट्रंप को 2020 के दोहा समझौते की याद दिलाई गई। यह समझौता ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में तालिबान के साथ किया था और इसके तहत ही अफगानिस्तान से नाटो और अमेरिकी सेना की वापसी सुनिश्चित हो पाई थी। दोहा समझौते के तहत अमेरिका ने वादा किया था कि वह अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगा। ये भी पढ़ें:नाटो सतर्क:जर्मनी-स्वीडन के फाइटर जेट ने रूसी टोही विमान को किया ट्रैक; बाल्टिक सागर के ऊपर भर रहा था उड़ान ट्रंप ने बेस वापस न करने पर अफगानिस्तान को दी धमकी ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर अफगानिस्तान बेस को नहीं लौटाता है तो 'बुरी घटनाएं' हो सकती है। ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'अगर अफगानिस्तान बगराम एयर बेस अमेरिका को वापस नहीं देता है, तो बुरी घटनाएं होंगी!' ट्रंप ने बेस खोने की लगातार की है आलोचना ट्रंप ने बेस खोने की लगातार आलोचना की है और इसकी चीन के पास की स्थिति को भी बताया। उन्होंने पहली बार ब्रिटेन की राजकीय यात्रा के दौरान सार्वजनिक रूप से बेस को वापस लेने का विचार रखा। दरअसल, अमेरिकी और नाटो सैनिकों ने जुलाई 2021 में बगराम एयर बेस से भगदड़ भरे हालात में निकलना शुरू किया, जो कि ट्रंप द्वारा तालिबान के साथ 2020 में किए गए समझौते का हिस्सा था। बेस खोने के बाद अफगान सेना जल्दी ही ढह गई और तालिबान सत्ता में लौट आए। अगर वे बगराम एयर बेस वापस नहीं करते तो बगराम एयर बेस वापसी को लेकर ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात की। जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि क्या वह बगराम पर फिर से कब्जा करने के लिए अमेरिकी सेना भेजने पर विचार कर रहे हैं, तो ट्रंप ने कहा, 'हम इस बारे में बात नहीं करेंगे, लेकिन हम अभी अफगानिस्तान से बात कर रहे हैं, और हम उसे तुरंत वापस चाहते हैं। और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि मैं क्या करने वाला हूं।' चीन बोला-अफगानिस्तान का फैसला वहां के लोग करेंगे इस बीच, चीन ने ट्रंप की टिप्पणी को खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, चीन अफगानिस्तान की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। अफगानिस्तान के भविष्य का फैसला उसके लोगों को ही करना चाहिए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 22, 2025, 02:38 IST
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