Bareilly News: डाटा इंट्री में हेराफेरी से खास का टैक्स घटाया, आम करदाता हो रहे परेशान
बरेली। नगर निगम के डाटा में हेराफेरी कर कुछ खास लोगों का गृहकर, जलकर, संपत्ति कर घटा दिया जा रहा है, लेकिन आम करदाता भटक रहे हैं। टैक्स में खेल के कुछ मामले पार्षद राजेश अग्रवाल ने सोमवार को सदन में उठाए थे। इसकी जांच के लिए नगर आयुक्त ने जांच कमेटी का गठन किया है। अपर नगर आयुक्त जांच समिति के मुखिया हैं। समिति 15 दिन में रिपोर्ट देगी। टैक्स विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को संबंधित मामलों रिकॉर्ड खंगाले हैं। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी का का कहना है कि जांच होगी। जांच में कोई जिम्मेदार पाया जाता है तो कार्रवाई तय है।पार्षद राजेश अग्रवाल ने बताया कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो टैक्स के बिलों में खेल कर रहे है। गहराई से जांच हो जाए तो पूरी हकीकत सामने आएगी। मैंने सोमवार को सदन में फर्जीवाड़ा करके टैक्स घटाने के मामले उठाए थे। इन्हीं मामलों में मंगलवार को मैंने नगर आयुक्त, मंडलायुक्त और शासन को पत्र लिखा है। ताकि हकीकत सामने आए। ब्यूरोहेराफेरी कर 42007.64 रुपये टैक्स कियाडीडीपुरम में जीआईएस सर्वे के बाद एक भवन का टैक्स 99768.24 रुपये आया, लेकिन वार्षिक मूल्यांकन की दर में हेराफेरी करके 42007.64 रुपये टैक्स कर दिया गया। प्राॅपर्टी वार्ड संख्या आठ डीडीपुरम में है, लेकिन डाटा में वार्ड संख्या 29 रहपुरा चौधरी भरकर टैक्स की गणना 1.90 रुपये प्रतिमाह प्रतिवर्ग फुट के स्थान पर रहपुरा चौधरी के हिसाब से 00.80 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से की गई। इस तरह से टैक्स घटाकर किसी खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाया गया।आश्वासन के बाद भी बिल ठीक नहीं हुआवार्ड संख्या 40 स्थित गुलजारनगर की तबस्सुम का बिल तरन्नुम के नाम से आया। इनके पति सरदार अहमद ने बताया कि उनका नया मकान 1600 वर्ग फुट का है, लेकिन टैक्स 3000 वर्ग फुट के बराबर लगा दिया गया। मौके पर निर्माण एक मंजिल है तीन मंजिल का टैक्स आरोपित किया किया गया। गणना ठीक करने के लिए 3 जुलाई को प्रार्थना पत्र दिया। कई चक्कर लगाए। आश्वासन मिला कि टैक्स इंस्पेक्टर आएंगे। जांच के बाद बिल ठीक करेंगे पर ऐसा नहीं हो सका।जांच के नाम पर अटका दिया बिलवार्ड 12 स्थित शांति विहार निवासी शकुंतला देवी का टैक्स 2692 रुपये लगा। स्वकर प्रारूप पर भरे ब्योरे के हिसाब से टैक्स की गणना 543 रुपये बैठती है, इसे ठीक नहीं किया गया। सुरेश शर्मानगर निवासी राकेश बाबू ने इनका टैक्स बिल 2965 रुपये आया था। स्वकर के हिसाब से 1394 रुपये बनना चाहिए था। इसके लिए उन्होंने 28 जून को फॉर्म भरा था। फॉर्म भरने के बाद जांच के नाम पर बिल अटका दिया गया। -----------------------------------------------------दो मामले सदन में आए थे। इस पर जांच समिति के सामने सभी रिकाॅर्ड रखे जाएंगे। एक मामले में कोई कमी सामने नहीं आई। दूसरे मामले में हो सकता है कि डाटा फीडिंग में कोई त्रुटि रह गई हो। स्वकर की फाइलें मेरे कार्यालय में लंबित नहीं हैं। अगर जोनल कार्यालय में कोई फाइल अटकी है तो उसे चेक करा लेंगे। - पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 27, 2025, 03:16 IST
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