थरूर vs कांग्रेस: लगातार बैठकों से गैरहाजिर, बयानबाजी-PM की तारीफ से बढ़ी कांग्रेस में हलचल, उठे ये सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर सुर्खियों में है। कांग्रेस के भीतर चर्चा जोरों पर है कि थरूर को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है। पार्टी हाईकमान के साथ भी उनका तालमेल फिट नहीं बैठ रहा है। लगातार वे महत्वपूर्ण बैठकों से नदारद दिखाई दे रहे है। रविवार रात को भी सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली रणनीतिक समूह की बैठक में वे शामिल नहीं हुए। इसके बाद राजनीतिक हलकों में उनकी भूमिका और रुख को लेकर चर्चा फिर तेज हो चली है। हालांकि इस बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर थरूर ने सफाई दी है। उन्होंने कहा,बैठक के वक्त वह फ्लाइट में थे। वे केरल से दिल्ली लौट रहा थे। इससे पहले एसआईआर को लेकर हुई बैठक में भी वे शामिल नहीं हुए थे। तब उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। उस दौरान वे पीएम मोदी के इवेंट में शामिल हुए थे, जिसे लेकर बवाल मचा था। दरअसल, थरूर की गैरमौजूदगी की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि एक तरफ वे पार्टी की बैठक से किनारा करते है। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में न केवल शामिल होते है बल्कि उनकी जमकर तारीफ भी करते है। पीएम की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर उन्होंने कई पोस्ट लिखे थे। थरूर ने 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए पीएम की तारीफ की थी। इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई मौकों पर थरूर का पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ झुकाव देखा गया है। हालांकि इस पोस्ट के बाद वह अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा था कि सभी पॉलिटिकल पार्टियों में वंशवाद की राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। अब समय आ गया है कि भारत वंशवाद को मेरिटोक्रेसी से बदले। थरूर के इस बयान को कांग्रेस पर हमले के तौर देखा गया था। अगले साल केरल विधानसभा का चुनाव होना है। इससे पहले राज्य में नगरीय निकाय के चुनाव भी होने है। सत्ताधारी वामदल पहले ही तैयारियों में जुट गए है। जबकि कांग्रेस पार्टी भी चुनावी रणनीति तैयार कर रही है। लेकिन केरल कांग्रेस में थरूर अलग थलग दिखाई दे रहे है। राज्य स्तर पर भी थरूर का तालमेल ठीक नहीं है। थरूर कांग्रेस के बागी गुट से आते है। जिसे पार्टी में जी-23 के नाम से जाना जाता है। जिसने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के कामकाज में व्यापक सुधारों की मांग की थी। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। शशि थरुर की बैठकों से नदारद होने पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की समस्या यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में ज्यादा पता है। अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए। आप कांग्रेस में क्यों हैं क्या सिर्फ इसलिए कि सांसद हैं। दीक्षित ने कहा- अगर थरूर को सच में लगता है कि भाजपा या पीएम मोदी की स्ट्रेटेजी आपकी पार्टी से बेहतर काम कर रही हैं, तो आपको एक्सप्लेनेशन देना चाहिए। अगर आप एक्सप्लेनेशन नहीं दे रहे हैं, तो आप दोगले हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 01, 2025, 18:53 IST
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