आपदाओं में काम आएगा 5-1-1 का फॉर्मूला: अगर आपदा संभावित जगहों पर रहते हैं, तो खबर आपके लिए; जानिए यह सूत्र

हर साल ऐसा महसूस होता है कि धरती डरावनी जगह बनती जा रही है। बाढ़, आग और तूफान लगातार अधिक शक्तिशाली होकर आ रहे हैं। आपदाओं से बचने के लिए मेरी खुद की दीर्घ, लघु और अति लघुकालीन योजना रहती है। जंगल की आग से बचने के लिए मेरे पास हमेशा पांच साल, एक साल और एक घंटे का लक्ष्य रहता है, जिसे मैं 5-1-1 फॉर्मूला कहता हूं।  मसलन, जंगल की आग में अंगारों से सबसे ज्यादा घर तबाह होते हैं, इसलिए अपनी छत को फिर से तैयार करने के लिए मेरी पांच साल की योजना में बचत शामिल होती है। एक वर्ष की योजना में आंगन के तीन सूखे पेड़ों को काटना और क्षतिग्रस्त खिड़कियों को बदलना शामिल होता है। एक घंटे की योजना में परिवार की कीमती चीजों की सूची बनाना और गो बैग शामिल होता है। आपदा विशेषज्ञ डॉ. रॉबिन कॉक्स को जब मैंने अपनी इस योजना के बारे में बताया, तो उन्होंने कहा, यह वाकई मददगार है, विशेषकर अपने इलाके में आने वाली आपदाओं या जोखिमों के बारे में सोचना बचाव का पहला कदम है। अन्य विशेषज्ञ जेफ श्लेगलमिल्च कहते हैं कि पांच साल की रणनीति बहुत अहम और खर्चीली है। आग, बाढ़, तूफान, सुनामी या भूकंप जैसी आपदाओं में हमारा बेशकीमती आशियाना या तो नष्ट हो जाता है या उसे भारी क्षति पहुंचती है। बचत करते रहें, ताकि आपदा के बाद हम अपने ठिकाने को फिर से दुरुस्त कर सकें। डॉ. कॉक्स कहते हैं कि एक साल की रणनीति के तहत हमें अपने घर की हर साल मरम्मत करानी जरूरी है, विशेषकर जब हम बाढ़, भूस्खलन, भूकंप, आग आदि जैसी आपदा संभावित जगहों पर रहते हों। घर के आसपास सूखे पेड़ हों, तो उन्हें कटवा दें। खिड़कियां, प्लास्टर, दरारों, क्षतिग्रस्त सामानों को या तो हटा दें या फिर उनकी मरम्मत करवाएं। घर के बीमा का हर साल नवीनीकरण अवश्य करवाएं। आपदा से बचाव के उपायों को लेकर परिवार वालों को प्रशिक्षण दें। आपातकाल प्रबंधक डॉ. अलेक्स ग्रीर कहते हैं कि एक घंटे की योजना के तहत अपनी मूल्यवान चीजों, जैसे जन्म प्रमाणपत्र, घर के कागजात या अन्य दस्तावेज, गहने, फोन, कार्ड आदि की सूची बनाएं, ताकि आपदा का पता चलते ही तत्काल घर खाली कर परिजनों के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचा जा सके। डॉ. कॉक्स के अनुसार, आपदा के समय हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं करता है, इसलिए पहले से तैयारी जरूरी है। श्लेगलमिल्च कहते हैं कि बाढ़, तूफान, आग आदि आपदाएं लंबे समय तक चल सकती हैं। हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा, क्योंकि इस दौरान कई उतार-चढ़ाव आते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 07, 2025, 08:11 IST
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