Damoh News: हमेशा बाउंसर साथ रखता था फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र, जूनियर भी हाथ बांधे खड़े रहते थे
दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र यादव द्वारा की गई सर्जरी से सात मौतें होने का आरोप लगा है। इस डॉक्टर का रसूख ऐसा था कि अस्पताल के जूनियर डॉक्टर भी उसके आगे हाथ बांधे खड़े रहते थे। यह फर्जी डॉक्टर अपने साथ 24 घंटे एक बाउंसर रखता था। जिसके पास सूटकेस रहता था जिसमें डॉक्टर के कई दस्तावेज होते थे। अस्पताल से मिले सीसीटीवी फुटेज में यह देखा जा रहा है डॉक्टरके अस्पताल पहुंचने के पहले ही कई जूनियर डॉक्टर उसके स्वागत के लिए हाथ बांधे खड़े रहते थे। वहीं अब आरोपी की गिरफ्तारी होने के बाद उसे पांच दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा गया है और 13 अप्रैल को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। आज आयोग की सुनवाई का अंतिम दिन मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम पीड़ितों के बयान दर्ज कर रही है।आज इसका तीसरा और अंतिम दिन है। पिछले दो दिनों में कई बार मीडिया कर्मियों ने टीम के सदस्यों से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह कुछ भी नहीं बोले। मंगलवार की रात भी जब टीम के सदस्य मिशन अस्पताल में जबलपुर मेडिकल कॉलेज की टीम के साथ जांच करने पहुंचे थे। उसे दौरान भी काफी प्रयास मीडिया द्वारा किया गया किटीम कुछ बोले, लेकिन सदस्य कार में बैठ गए और गेट को लॉक कर लिया। जबलपुर मेडिकल कॉलेज की टीम के सदस्य ने केवल इतना बताया कि वह कुछ भी बात नहीं कर सकते जांच चल रही है, जो रिपोर्ट आएगी वह सभी को बताई जाएगी। खुद ही कार चलता था आरोपी फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेंद्र यादव एक जनवरी को मिशन अस्पताल में पदस्थ हुआ था। यहां से 12 फरवरी को मामले की शिकायत होने के बाद लापता हो गया था। वह जिस कार से अस्पताल ड्यूटी के लिए पहुंचता था उसे वह स्वयं चलता था। इसके लिए उसने कोई भी ड्राइवर नहीं रखा था। 24 घंटे रहता था बाउंसर डॉक्टर एक बाउंसर को भी 24 घंटे अपने साथ रखता था। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि जब डॉक्टर कार से उतरता है तो उसका बाउंसर उसकी परछाई की तरह उसके साथ चल रहा है। उसके हाथ में सूटकेस रहता था, जिसमें डॉक्टर के दस्तावेज भी होने की बात कही जा रही है। अस्पताल के चेंबर में अंदर जाने से लेकर बाहर आने तक यह बाउंसर साथ में रहता था। 7 लाख उपकरण चोरी की शिकायत आरोपी डॉक्टर जब 12 फरवरी को अचानक लापता हो गया वह अपने साथ सात लाख रुपए कीमत का मेडिकल उपकरण ले गया। मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने 13 मार्च को एक आवेदन कोतवाली पुलिस में दिया है, जिसमें उन्होंने बताया किडॉ. नरेंद्र जान केम 12 फरवरी से अचानक लापता हो गया। उसके पास सात लाख रुपए कीमत का मेडिकल उपकरण भी था। जब कई दिनों तक वह अस्पताल नहीं पहुंचा तो इस बात की जानकारी भोपाल की उसे एजेंसी को भी दी गई, जिसके माध्यम से डॉक्टर की नियुक्ति हुई थी, लेकिन एजेंसीद्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। साथ ही डॉक्टर अस्पताल में उपस्थित नहीं हुआ और ना ही वह उपकरण अस्पताल में मिला। जब उसकी दराज खोलकर देखा गया वह उपकरण गायब था। इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस में दर्ज कराई गई थी। 8 लाख महीने का था पैकेज मामले में यह बात भी सामने आई है कि यह डॉक्टर नरेंद्र यादव सालाना 96 लाख रुपए के पैकेज पर नौकरी करने के लिए मिशन अस्पताल आया था। इसमें 8 लाख रुपए हर महीने उसको वेतन देने की बात हुई थी। एक जनवरी को अस्पताल ज्वाइन करने के बाद जब उसके द्वारा हार्ट सर्जरी की गई जिसमें सात लोगों की मौत का आरोप लगा है। जैसे ही इस मामले की जांच शुरू हुई आरोपी डॉक्टर 12 फरवरी को अचानक लापता हो गया। इसके बाद राष्ट्र बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियंका कानून गो ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी डाली तो पूरे जिले में हड़कंभ मच गया। तत्काल ही जांच कमेटी जांच के लिए तैयार हुई। आरोपी की डिग्रियों का सत्यापन करने के बाद उस पर मामला दर्ज किया गया। सोमवार की रात आरोपी को प्रयागराज से गिरफ्तार कर दमोह लाया गया और मंगलवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से पांच दिन की रिमांड पर पुलिस को दिया गया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 09, 2025, 08:13 IST
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