Bilaspur News: लोकगीतों, नृत्यों और ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमे दर्शक
अंतरराज्यीय लोक सांस्कृतिक उत्सव के दूसरे दिन कलाकारों ने दीं बेहतरीन प्रस्तुतियांपुलिस महानिरीक्षक संतोष पटियाल बोले- लोक संस्कृति हमारी आत्मा संवाद न्यूज एजेंसीबिलासपुर। बहुउद्देशीय सांस्कृतिक परिसर बिलासपुर में चल रहे अंतरराज्यीय लोक सांस्कृतिक उत्सव का दूसरा दिन रंगों, संगीत और परंपराओं की महक से भरपूर रहा। पूरे परिसर में ढोल-नगाड़ों की थाप, लोकगीतों की मधुर धुन और पारंपरिक नृत्यों की झंकार गूंजती रही। मंच पर जब कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेशों की लोक झलक पेश की, तो दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से उत्साहपूर्वक उनका स्वागत करते रहे।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संतोष पटियाल, पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलिजेंस) हिमाचल प्रदेश, विशेष अतिथि के रूप में संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर और शिव प्रताप शुक्ल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर उपस्थित रहे। संतोष पटियाल ने कहा कि लोक संस्कृति हमारी आत्मा है। जब तक हम अपनी परंपराओं, गीतों और नृत्यों से जुड़े रहेंगे, तब तक हमारी पहचान अटूट रहेगी। कहा कि ऐसे आयोजन न केवल कला और संस्कृति को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम भी बनते हैं। विशेष अतिथि एसपी संदीप धवल ने कहा कि लोक संस्कृति सामाजिक एकता, सहयोग और भाईचारे की भावना को सशक्त बनाती है। उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि बिलासपुर ने हमेशा लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। दूसरे दिन की प्रस्तुतियों में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कलाकारों ने मंच पर अपने-अपने प्रदेशों की सांस्कृतिक छटा बिखेरी। गांव शोघी (जिला शिमला) के पूजा कला मंच के कलाकारों ने पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंजाबी कलाकारों के गीतों और भंगड़ा ने सभागार को जोश और उमंग से भर दिया, वहीं हिमाचली नृत्यों ने प्रदेश की परंपरागत संस्कृति की झलक पेश की। दर्शक पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों की रंगीन प्रस्तुतियों पर झूम उठे। पूरा सभागार तालियों की गूंज और लोक संगीत की तरंगों से सराबोर रहा। यह सांस्कृतिक संगम भारत की विविधता में एकता की झलक को सजीव कर गया।इस अवसर पर जिला भाषा एवं संस्कृति अधिकारी नीलम चंदेल, इन्द्र सिंह चंदेल, अखिलेश, मनीष, राकेश, हिम कला संगम के अध्यक्ष सतपाल शर्मा, प्रवीण कुमार, प्रदीप कुमार, अधिवक्ता नरेश परिहार, जगदीश शर्मा, आशीष राणा, परम देव शर्मा, मुकेश शर्मा, नरेश शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन में जिला भाषा एवं संस्कृति अधिकारी नीलम चंदेल और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल लोक कलाकारों को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को जीवंत बनाए रखने का कार्य भी करते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 26, 2025, 18:49 IST
Bilaspur News: लोकगीतों, नृत्यों और ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमे दर्शक #TheAudienceDancedToTheBeatsOfFolkSongs #DancesAndDrums. #SubahSamachar
