Tehri News: बंगशील में राम और सीता के जन्म का हुआ मंचन

थत्यूड़( टिहरी)। बंगशील गांव में संचालित रामलीला की दूसरे दिन राम और सीता जन्म का मंचन हुआ। रामलीला के सुंदर मंचन पर कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। रामलीला मंचन में अयोध्या के राजा दशरथ अपने मंत्री सुमंत के पास कुलगुरु ऋषि वशिष्ठ को महल में बुलाने का आमंत्रण भेजते हैं। राजा दशरथ ऋषि वशिष्ठ से संतान न होने की व्यथा सुनाते हैं। ऋषि वरिष्ठ राजा दशरथ को पुत्रेष्टि यज्ञ करने का सुझाव देते हैं। पुत्रेष्टि यज्ञ के बाद राजा दशरथ के घर राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न का जन्म होता है। उधर मिथिलापुरी में बारिश न होने से अकाल पड़ने जैसी स्थिति बनी है। बारिश नहीं होने से मिथलापुरी की प्रजा दुखी है। बारिश के लिए वह हवन-यज्ञ करते हैं। इसी दौरान आकाशवाणी होती है कि जब राजा जनक और रानी सुनैना मिलकर खेत में सोने का हल चलाएंगे तब बारिश होगी। मिथिला की प्रजा राजा जनक तक इस संदेश पहुंचाते हैं। राजा और रानी मिलकर खेत में सोने का हल चलाते हैं। हल एक घड़े टकरता है जिससे सीता का जन्म होने के साथ मिथिला में बारिश शुरू हो जाती है। इस मौके पर रामलीला समिति के संरक्षक वीरेंद्र नौटियाल,अध्यक्ष विजेंद्र पंवार, सचिव महावीर राणा, जयदेव गौड़, कमल किशोर नौटियाल, महिपाल राणा, जगत सिंह राणा शांति प्रसाद चमोली, प्रेम सिंह राणा, चंद्र सिंह रावत, महिपाल पंवार, दिलमणि गौड़ मौजूद थे। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 28, 2025, 19:06 IST
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