Kullu News: देव संसद के फैसले से डगमगाया 283 करोड़ का बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट
देवभूमि कुल्लू में एक बार फिर आमने-सामने हैं विकास और देव परंपराजनआंदोलन के साथ देव संसद के फैसले ने भी बढ़ाया संकटपहले 3,500 करोड़ के स्की विलेज प्रोजेक्ट पर बैठी थी देव संसदगौरीशंकरकुल्लू। देवभूमि कुल्लू में एक बार फिर विकास और देव परंपरा आमने-सामने हैं। बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट पर देव संसद के कड़ा रुख अपनाने के बाद 283 करोड़ रुपये की यह परियोजना अधर में लटक गई है। बीस साल पहले स्की विलेज प्रोजेक्ट के विरोध में भी ऐसी ही देव संसद बैठी थी। इसके फैसले से बहुचर्चित परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब बिजली महादेव प्रोजेक्ट का भविष्य भी उसी राह पर जाता दिख रहा है।बीस सालों के भीतर यह दूसरा मौका है जब किसी बड़े प्रोजेक्ट के विरोध में देवी-देवताओं की अदालत लगानी पड़ी है। इससे पहले 3500 करोड़ के स्की विलेज प्रोजेक्ट को लेकर वर्ष 2007 में नग्गर के जगती पट में देव संसद बैठाई गई थी। तब भी देवी-देवताओं ने प्रोजेक्ट को ठुकरा दिया था। अब बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट पर संशय पैदा हो गया है। धरातल पर बिजली महादेव प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। बढ़ते जनआक्रोश और जगती में हुए देव आदेश के बाद माना जा रहा है कि रोपवे निर्माता कंपनी को भी सामान समेटकर लौटना पड़ सकता है। --यह था स्की विलेज प्रोजेक्ट3500 करोड़ से मनाली की 8000 से 13500 फीट की ऊंचाई तक क्षेत्र में 2500 बीघा भूमि 99 वर्ष के लिए एक विदेशी कंपनी को लीज पर देने का प्रावधान किया था। इसमें 673 कमरों की क्षमता के होटलों का निर्माण प्रस्तावित था। एयर लिफ्ट, स्की स्लोप, गंडोला निर्माण किया जाना था। नकली बर्फ जमाने का भी प्रावधान था। इसके लिए सरकार ने 2006 में कंपनी के साथ करार किया था। बढ़ते जन आक्रोश और देव संसद के फैसले के बाद इस प्रोजेक्ट को निरस्त करना पड़ा।---यह है बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्टबिजली महादेव प्रोजेक्ट 283 करोड़ का है। इसमें 7 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाना है। 202 पेड़ काटे जाने हैं। इनमें 67 काट दिए गए हैं। ब्यास नदी के एक छोर मौहल से बिजली महादेव की पहाड़ी के लिए 2.3 किलोमीटर लंबा स्पेन लगेगा। निर्माता कंपनी प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों का एनपीबी के रूप में 5 करोड़ से अधिक की धनराशि सरकार को जमा करवा चुकी है। मौहल में प्रोजेक्ट का निर्माण भी शुरू हो चुका है। --देवी-देवता कारदार संघ बैठक बुलाएगा। देव स्थलों से छेड़छाड़ के विरोध में आगे कैसे काम करना है, इसका फैसला लिया जाएगा। देव संसद में देवी-देवताओं ने साफ किया है कि देव स्थलों से छेड़छाड़ बंद की जाए। चाहे बिजली महादेव का मसला हो या प्रदेश के अन्य मंदिरों और अन्य देव स्थलों के साथ हो रही छेड़छाड़ का मामला हो। -दोत राम ठाकुर, अध्यक्ष जिला देवी-देवता कारदार संघ--
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 01, 2025, 21:53 IST
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