Hamirpur (Himachal) News: आपदा ने झकझोर दिए छह परिवार, आंखों के सामने ढह गए आशियाने
नहीं थम रहे प्रभावितों की आंखों से आंसू, मासूमों के चेहरे देख रूंध रहे गलेचबूतरा गांव में आई आपदा से घर, आंगन के साथ खेत खलिहान भी नहीं बचेसंवाद न्यूज एजेंसीहमीरपुर। चबूतरा गांव को इस बार की बरसात ताउम्र न भूलने वाले जख्म देकर गई है। बेघर हो चुके प्रभावित परिवारों की आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं। सरकारी आश्रय में प्रभावित परिवार अब सत्संग भवन और सरकारी स्कूल में शिफ्ट किए गए हैं। जीवनभर की पूंजी से बने मकानों को छोड़ परिवार मासूम बच्चों के साथ अब असहाय हो गए हैं। सत्संग भवन में प्रभावितों से मिलने उनके रिश्तेदार पहुंचे तो मासूम बच्चों के चेहरों को देखकर उनके भी गले रूंध गए। हर कोई अपनों को ढांढस बंधा रहा था लेकिन आशियानों को खोने की सिसकियां उनके दिलों को चीर रही थी। बीते रविवार को आई आपदा ने आधा दर्जन परिवारों से उनके आशियाने छिन्न गए हैं। हालात ऐसे हैं कि घर तो दूर आंगन, खेत खलिहान तक नहीं बचे हैं। साधन संपन्न परिवार अब असहाय हो गए हैं। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभावित परिवारों को स्थानीय स्कूल में अस्थायी रूप से ठहराया। यहां उनके लिए भोजन, पानी और रहने का पूरा इंतजाम किया गया है। सगे भाइयों नरोत्तम दास पुत्र महंत राम, केवल कृष्ण पुत्र महंत राम, किशोरी लाल पुत्र महंत राम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। लगातार हो रही बारिश से चबूतरा गांव के 15-20 अन्य परिवारों के घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है और भारी नुकसान की संभावना है। सोमवार सुबह सुजानपुर के विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा के सहयोग से प्रभावित परिवारों को नाश्ता करवाया गया है और भरोसा दिलाया कि सरकार और प्रशासन हर कदम पर उनके साथ खड़ा है। इस दौरान तहसीलदार और एसडीएम भी मौके पर मौजूद रहे। गांव के अंतिम छोर तक पहुंचे पानी से मची तबाहीएसडीएम सुजानपुर विकास शुक्ल ने निरीक्षण के बाद कहा कि पक्के रास्ते से गांव का पूरा पानी अंतिम छोर के घरों के नीचे पहुंचा। बेहद अधिक मात्रा में गति से पानी यहां लगातार बहता रहा जिससे जमीन धंसी है। यहां पर निकासी की उचित व्यवस्था ने होने से नुकसान की आशंका है। तीनों सगे भाइयों के मकान हुए ध्वस्त, गाड़ियां फंसींबेघर हुए नरोत्तम दास ने कहा कि दो मंजिला मकान और बेटे का मकान गिर गया है। घर के पास जमीन भी तबाह हो गई है। गांव में 20 से 25 परिवारों के मकानों को खतरा बना हुआ है। प्रभावित केवल कृष्ण ने कहा कि उनके दो मकान पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। घर में रखा सामान भी खराब हो गया है और न तो आंगन बचा है और न ही जमीन। किशोरी लाल का कहना है कि उनका 70 से 80 लाख का नुकसान हुआ है। जमीन हमारी पूरी बह गई है और आधा मकान भी गिर चुका है। गाड़ियां भी वहां पर ही फंसी हुई हैं। जिला कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष सुमन भारती एवं ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी सुजानुपर के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा ने प्रभावितों से मिलने पहुंचे। उन्होंने सरकार और प्रशासन के सहयोग से पीड़ितों की हर संपर्क सहायता की जा रही है और आज पांच परिवारों के सदस्यों को 25-25 हजार की राहत राशि भी प्रदान की गई है। पांच मकान और करवाए खाली, भैंस-बकरियां भी निकालीं चबूतरा गांव में खतरे की जद में आए पांच और मकानों को खाली करवाया गया है। किशोर चंद, वीर सिंही, अजीत कुमार, रविंद्र कुमार और उसके भाई का मकान खाली करवाया गया है। पांचों परिवारा को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इसके अलावा यहां पर भैंस और बकरियों को गौशाला से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। चबूतरा स्कूल में आश्रय मिले पर मायूस् होकर डेस्क पर बैठक बेघर हुए परिवारों के बच्चे। संवाद। चबूतरा स्कूल में आश्रय मिले पर मायूस् होकर डेस्क पर बैठक बेघर हुए परिवारों के बच्चे। संवाद। चबूतरा स्कूल में आश्रय मिले पर मायूस् होकर डेस्क पर बैठक बेघर हुए परिवारों के बच्चे। संवाद। चबूतरा स्कूल में आश्रय मिले पर मायूस् होकर डेस्क पर बैठक बेघर हुए परिवारों के बच्चे। संवाद।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 01, 2025, 17:39 IST
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