Hathras News: जिला प्रशासन के पास नहीं यात्री निवासों का ब्योरा
जिले में 350 होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस संचालित है, लेकिन सराय एक्ट में मात्र सात ही यात्री निवास के रूप में पंजीकृत है। ऐसे में इन यात्री निवासों में कौन कब आया और ठहरकर चला गया, इसका अद्यतन ब्योरा प्रशासन के पास नहीं है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था का सवाल भी उठ रहा है। दिल्ली में आतंकी हमले की घटना के बाद पुलिस होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की जांच कर रही है, लेकिन हर यात्री निवास का सराय एक्ट में पंजीकरण होना आवश्यक है। जो सात गेस्ट हाउस पंजीकृत भी है, उनकी भी कभी जांच नहीं की जाती। इनका भी भौतिक स्वरूप बदल चुका है। सराय अधिनियम 1867 भारत में सराय और आवास स्थलों को नियंत्रित करने वाला एक ब्रिटिश काल का कानून है, यह अधिनियम सराय के मालिकों के कर्तव्यों को भी निर्धारित करता है। यह अधिनियम ही अधिकारियों के यात्री निवासों के निरीक्षण की अनुमति देना शामिल है। इनमें ठहरने वाले यात्रियों के नाम और निवास स्थान को बनाए रखने के लिए एक रजिस्टर होना चाहिए। उनकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस-प्रशासन को दी जानी चाहिए।यह बेहद गम्भीर विषय है, सराय एक्ट के संबंध में पत्रावाली देखी जाएगी। उस आधार पर जिनके पंजीयन नहीं है, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। इसके साथ ही इनकी चेकिंग भी की जाएगी।अतुल वत्स, डीएम, हाथरस।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 12, 2025, 02:44 IST
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