Noida News: शह-मात के खेल में बच्चों में दिखाई दे रहा उत्साह
- छह स्कूलों में हुए मुकाबले, 381 खिलाड़ियों ने चली चाल, 20 ग्रैंड फिनाले में पहुंचे संवाद न्यूज एजेंसीग्रेटर नोएडा / नोएडा। अमर उजाला की ओर से आयोजित की जा रही जूनियर शतरंज प्रतियोगिता 2025 में बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा के तीन, जेवर के एक और नोएडा के दो स्कूलों में बाजियां खेली गईं। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर गामा-2 स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), एपीजे इंटरनेशनल स्कूल और सैनफोर्ट वर्ल्ड स्कूल, जेवर के प्रज्ञान पब्लिक स्कूल समेत नोएडा के सेक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज और सेक्टर-11 स्थित मॉडर्न स्कूल में कुल 381 विद्यार्थी शह और मात के खेल में शामिल हुए। प्रतियोगिता में सभी मानक और दिशानिर्देश उत्तर प्रदेश शतरंज स्पोर्ट्स एसोसिएशन की देखरेख में पूरे किए जा रहे हैं।इस प्रतियोगिता को लेकर बच्चों में बृहस्पतिवार को भी काफी जोश दिखाई दिया। करीब तीन घंटे तक चले आयोजन के बाद अंडर-12 व अंडर-18 कैटेगरी में पांच स्कूलों से बेहतर प्रदर्शन करने वाले 20 खिलाड़ियों का चयन ग्रैंड फिनाले के लिए हुआ है। मार्डन स्कूल में छात्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण मुकाबले शुक्रवार को जारी रहेंगे। जिसके बाद परिणाम जारी किए जाएंगे। एपीजे स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. नेहा शर्मा व स्पोर्ट्स एचओडी उपेंद्र शर्मा, सैनफोर्ट स्कूल के प्रधानाचार्य इंदु कोहली व स्पोर्ट्स एचओडी जुगनवीर सिंह, डीपीएस स्कूल प्रधानाचार्य सीमा रॉय, प्रज्ञान स्कूल की प्रधानाचार्य दीप्ति शर्मा ने बताया कि शतरंज जैसे बौद्धिक खेल को बढ़ावा देने में अमर उजाला की यह पहल सराहनीय है। इससे छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास को नई दिशा मिलेगी। भविष्य में भी ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए। इस मौके पर प्रिंसिपल मोहित वशिष्ठ, डॉ. रितु सिंह और कोच रोहताश सिंह आर्य ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। ग्रैंड फिनाले के लिए चयनित खिलाड़ी एपीजे स्कूल सीनियर - रेयेंश कुमार और समनुया लखवान जूनियर- इजाम व आदिया धनराज सिंह सैनफोर्ट वर्ल्ड स्कूल सीनियर - अतिक्ष त्यागी व स्पर्श मलिकजूनियर- रूद्र सिंह व अंश कौशिक डीपीएस सीनियर-आद्विक व हिया गुप्ता जूनियर- यशश्विन पांडे व मानवी पंवार प्रज्ञान स्कूल सीनियर -निश्चय चौधरी व तोयश प्रताप सिंह जूनियर- जलज भान व कुशाग्र सिंह राजकीय इंटर कॉलेज सीनियर- आदित्य कुमार व सत्यम जूनियर - कार्तिक वशिष्ठ व भरत कोट - प्रतियोगिता का कई दिन से इंतजार था। जीतने के बाद जिम्मेदारी बढ़ गई है। - रेयांश कुमार।- मेहनत व लगन का ही नतीजा है कि फाइनल में जगह बना पाया। - हिया गुप्ता।- शतरंज ने सिखाया कि हर चाल सोच-समझकर चले, तभी रानी बचती है और जीत मिलती है। - हंसराज- मेरे लिए शतरंज हर दिन एक नई चुनौती है, और हर चुनौती नई सीख। - आदित्य सेठी
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 04, 2025, 19:53 IST
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