Meerut News: उल्लू की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने सेंक्चुरी में निगरानी बढ़ाई
दिवाली पर उल्लू पर रहती है तांत्रिकों की नजर, अलर्ट मोड पर है वन विभाग रविंद्र चौहान..हस्तिनापुर। दीपावली पर वन्य अभ्यारण क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के पक्षी उल्लू पर तांत्रिकों की विशेष नजर रहती है अंधविश्वास के चलते उल्लू की बली दी जाती है। जिसे देखते हुए सेंक्चुरी क्षेत्र में वन विभाग ने सुरक्षा बढ़ा दी है। उल्लू संरक्षित प्रजाति का पक्षी है यह अपने सिर को दोनों तरफ 135 डिग्री तक घुमा सकता है। पलकें नहीं होने के कारण इनकी आंखें हरदम खुली रहती हैं। अंधविश्वास के चलते दिवाली के अवसर पर तांत्रिकों की नजर उल्लू पर होती है। क्योंकि इस समय अंधविश्वास के कारण उल्लू की मांग बढ़ जाती है। मोटी कीमत मिलने के लालच में तस्कर उल्लू का शिकार करने जंगलों में पहुंचते हैं। इस वजह से वन विभाग ने इन दिनों हस्तिनापुर पक्षी विहार व वन्य क्षेत्रों में पहरेदारी बढ़ा दी है। हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण क्षेत्र में उल्लू की दो प्रजातियां मुआ और घुग्घू पाई जाती हैं। शिकार करने पर हो सकती है तीन साल की सजाभारतीय वन्य जीव अधिनियम 1972 की अनुसूची एक के तहत उल्लू संरक्षित श्रेणी का पक्षी है। उल्लू के शिकार या तस्करी पर कम से कम तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 19, 2025, 19:35 IST
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