Amroha News: प्रधानी चुनाव में रोड़ा बनने पर पूर्व प्रधान ने साथियाें संग की थी रोजगार सेवक की हत्या
अमरोहा। मूंढ़ाखेड़ा निवासी रोजगार सेवर राजकुमार की हत्या पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह ने चुनावी रंजिश में साथियों के साथ मिलकर बोलेरो से कुचलक की थी। मंगलवार को पुलिस ने रोजगार सेवक की हत्या का खुलासा करते हुए पूर्व प्रधान समेत तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त बोलेरो, बाइक व 9073 रुपये बरामद किए हैं। मंगलवार को एसपी अमित कुमार आनंद ने पुलिस ऑफिस में हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि 30 अगस्त को मूंढ़ाखेड़ा के रहने वाले रोजगार सेवक राजकुमार स्कूटी पर सवार होकर अमरोहा से घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में कार के कुचलने से उनकी मौत हो गई। जांच की गई तो प्रधानी के चुनाव की रंजिश में रोजगार सेवक की हत्या किए जाने की बात सामने आई। मामले में मृतक रोजगार सेवक राजकुमार के बेटे सजल कुमार की तहरीर पर पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह व उसके भाई जितेंद्र के अलावा चार-पांच अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने घटनास्थल के आस-पास सीसीटीवी फुटेज चेक किए तो कई अहम साक्ष्य मिले। बाकी काम एसओजी-सर्विलांस टीम ने पूरा कर दिया। रूट ट्रैक करने पर संदिग्ध बोलेरो ने पुलिस के शक की सुई को पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह की तरफ मोड़ दिया। एसपी ने बताया कि मुकदमे में नामजद वीरेंद्र सिंह के अलावा रजबपुर थाना क्षेत्र के गांव आरकपुर माफी उर्फ आरिफपुर के रहने वाले अंकुर और गजरौला के मोहल्ला जवाहर नगर के रहने वाले बिट्टू की गिरफ्तारी की गई है। बताया कि करीब चार साल पहले तक हत्यारोपी पूर्व प्रधान और मृतक रोजगार सेवक राजकुमार एक साथ प्रॉपर्टी का काम करते थे। राजुकमार के गांव की एक महिला से संबंध थे। जिसे घुमाने के लिए राजकुमार अक्सर वीरेंद्र सिंह की गाड़ी का इस्तेमाल किया करता था। आखिर में डर की वजह से वीरेंद्र सिंह ने राजकुमार को गाड़ी देने से मना कर दिया था। बाद दोनों के बीच गांव के मंदिर निर्माण में लगे पैसों लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद से ही दोनों के रास्ते अलग हो गए थे। पुलिस के अनुसार, रंजिश में राजकुमार महिला से वीरेंद्र सिंह के खिलाफ झूठी शिकायतें कराते थे। अब वीरेंद्र सिंह दोबारा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था, लिहाजा राजकुमार फिर से झूठा मुकदमा दर्ज कराने की साजिश रच रहे थे। वीरेंद्र ने यह बात अपने रिश्तेदार अंकुर और बिट्टू को बताई थी। इसके बाद तीनों ने मिलकर राजकुमार की हत्या की योजना बनाई थी, जिसे हादसे का रूप देने के लिए एक सप्ताह पहले बोलेरो और सिम कार्ड खरीदा था। मौत हादसे में नहीं हुई थी बल्कि सुनियोजित साजिश के तहत हत्या कर हादसे का रूप दिया गया था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 24, 2025, 02:46 IST
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