Chandigarh-Haryana News: हाई टेंशन बिजली की तारों के मामले में सरकार की कार्यप्रणाली पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
विभाग के एसीएस को तीन सप्ताह में बिजली लाइनों के स्थानांतरण पर रिपोर्ट दाखिल करने के दिए निर्देशकोर्ट में नौ साल से मामला विचाराधीन, अभी तक समस्या का हल न निकलने पर जताई नाराजगी चंडीगढ़। नौ साल से हाईकोर्ट में लंबित हाइटेंशन बिजली की तारों के आवासीय क्षेत्र में से गुजरने से जुड़े मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं हैं। मामले का समाधान न निकलने पर नाराजगी जताते हुए बिजली विभाग के एसीएस को तीन सप्ताह में हाईटेंशन बिजली की लाइनों के स्थानांतरण पर ताज़ा रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।मामला 2016 से लंबित है जब पानीपत का एक बच्चा जो घर की छत से गुजर रही ओवरहेड वायर्स की चपेट में आने से बुरी तरह से जख्मी हो गया था। ऐसे में वह अपने हाथ-पांव से पूरी तरह से अपाहिज हो गया था। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। इस दौरान सामने आया कि शहरी स्थानीय निकाय निदेशक ने 60 नगरपालिकाओं में 74,232 इमारतें बिजली लाइनों के नीचे होने की रिपोर्ट दी है। बिजली वितरण निगम का कहना था कि अवैध निर्माण हटाने की जिम्मेदारी नगरपालिकाओं की है जबकि नगर निकायों का कहना था कि बिजली कनेक्शन बिना अनुमोदित भवन योजना देखे नहीं दिए जाने चाहिए थे। चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि आप एक ही सरकार का हिस्सा हैं, बैठकर समाधान निकालें, यह दोषारोपण बंद होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि 2016 में ही राज्य नीति के तहत 33 केवी और उससे ऊपर की लाइनों को काॅलोनियों से शुल्क वसूलने के बाद ही हटाने का निर्णय हो चुका था। इसके लिए धनराशि हरियाणा बिजली विनियामक आयोग से आवंटित होनी थी। कोर्ट ने आदेश दिया कि भविष्य की नीति में यह सुनिश्चित हो कि बिना स्वीकृत भवन योजना और सुरक्षित दूरी के कोई बिजली कनेक्शन जारी न किया जाए।आंकड़े कॉपी पेस्ट करने के अतिरिक्त क्या कियाकोर्ट ने पाया कि राज्य की दो बिजली वितरण कंपनियों दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 2025 में जो आंकड़े दिए और 2022 में दाखिल आंकड़े एक समान है। दोनों वर्षों में 33 केवी लाइनों के मामले में स्थिति 90 चिन्हित, 58 हटाई गईं और 32 लंबित ही बनी रही दर्शाया गया। ऐसे में कोर्ट ने तर्क दिया कि यह महज पुराने आंकड़ों की काॅपी है और 11 केवी लाइनों का डेटा भी नहीं दिया गया। कोर्ट ने कहा कि इन तीन सालों में कॉपी पेस्ट के अतिरिक्त आपने क्या किया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 12, 2025, 20:12 IST
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