Fact Check: भारत सरकार ने कई भारतीय सिखों को रूसी सेना में भर्ती होने के लिए जबरन भेजा, पढ़ें पड़ताल
पाकिस्तान में स्थित कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स से एक वीडियो पोस्ट किया जा रहा है, इस वीडियो में सेनाके तीन जवान नजर आ रहेहैं। वीडियो में जवान बता रहे हैं कि वह रूस में फंसे हुए हैं और उनके साथ खराब व्यवहार हो रहा है। इन वीडियो को शेयर करे दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने कई भारतीय सिखों को रूस को बेच दिया है, जहां उन्हें यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को भ्रामक पाया है। हमारी पड़ताल में सामने आया कि भारतीय सिखों को रूस को नहीं बेचा गयाहै। जांच में सामने आया कि सिखों समेत कुछ भारतीय नागरिकों को रूस में नौकरी दिलाने का वादा करके मानव तस्करोंने धोखा दिया और बाद में उन्हें सैन्य सेवा में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया। भारत सरकार उन्हें वापस लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। क्या है दावा इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने कई भारतीय सिखों को रूस को बेच दिया है, जहां उन्हें यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पाक वॉरियर (@pak_warrior12) नाम के एक एक्स अकाउंट से इस वीडियो को शेयर करके लिखा गया भारत सरकार और सेना ने भोले-भाले पंजाबी युवाओं को रूस में नौकरी के प्रस्ताव देकर धोखा दिया, और उन्हें रूसी सेना में बेचकर यूक्रेन के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर भेज दिया। भारतीय राज्य और उसकी सेनाओं द्वारा किया गया यह एक बेशर्म विश्वासघात है।” पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इस तरह के कई और दावों का लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। पड़ताल इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो को कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो में दिख रहे दोनों जवानों की तस्वीर मौजूद थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि पंजाब में रहने वाला बूटा सिंह स्टडी वीजा से रूस गया था। इसके एक वर्ष बाद एक वीडियो में वह कथित तौर पर रूसी सेना की वर्दी में नजर आ रहा है। वीडियो में वह भारत सरकार से वहां से बाहर निकालने का अपील कर रहा है। पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले बूटा सिंह स्टडी वीजा पर रूस गया था। इसके एक साल बाद वीडियो में वह कथित तौर पर रूसी सेना की वर्दी पहने हुए नजर आया और वह भारत सरकार से उन्हें वहां से निकालने की अपील कर रहे हैं। बूटा3.50 लाख रुपये का भुगतान करके एक एजेंट के जरिये रूस गया था। बूटा सिंह के परिवार ने कहा कि वह नौकरी की तलाश के लिए गया था, लेकिन उन्हें यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में सेवा देने के लिए रूसी सेना में जबरन भर्ती कर लिया गया। आगे हमें इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का बयान भी देखने को मिला। अपने बयान में उन्होंने रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती पर मीडिया के सवालों का जवाब दिया था। बयान में कहा गया था, “हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के बारे में रिपोर्ट देखी हैं। सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है और तदनुसार भारतीय नागरिकों को आगाह किया है। हमने दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के साथ भी इस मामले को उठाया है और अनुरोध किया है कि इस प्रथा को समाप्त किया जाए और हमारे नागरिकों को रिहा किया जाए। हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं। हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने का आग्रह करते हैं क्योंकि यह खतरे से भरा है।” पड़ताल का नतीजा हमारी पड़ताल में यह साफ है कि भारत सरकार के द्वारा किसी भी भारतीय को रूसी सेना में भर्ती होने के लिए जबरन नहीं भेजा गया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 16, 2025, 19:31 IST
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