Aligarh News: 50 हजार क्विंटल धान की आवक से पट गई मंडी
कृषि उत्पादन मंडी समिति में अचानक धान की आवक बढ़ने से मंडी प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इसका कारण आसपास के जिलों की तीन प्रमुख मंडियां बंद होना रहा। सुबह आठ बजे के बाद मंडी में पैर रखने की जगह नहीं बची, जिससे वाहनों की अनलोडिंग और तौल भी प्रभावित हुई। मंडी में 50 हजार क्विंटल धान पहुंचा, जिसमें से आधे किसानों को वापस करना पड़ा। खुद मंडी सचिव को माइक से एनाउंसमेंट कर किसानों से वापस जाने का अनुरोध करना पड़ा।मंगलवार को मथुरा, राया और खैर की मंडियां अत्यधिक आवक के कारण बंद रहीं। किसानों को इसकी जानकारी नहीं थी। मथुरा व अलीगढ़ के किसान सोमवार रात को ही माल लेकर इन मंडियों के लिए निकल गए थे, लेकिन वहां मंडी बंद होने की सूचना मिली तो रात में ही किसानों ने धान से लदे वाहनों के साथ हाथरस मंडी की ओर रुख कर दिया, इसलिए सुबह पांच बजे तक यहां ट्रैक्टरों की लाइन लग गई। जाम से जूझते हुए जैसे-तैसे किसानों का फसल बेचने का नंबर आया। सुबह आठ बजे तक आढ़तियों की दुकानों के बाहर ट्रैक्टरों का जमघट लग गया। किसानों ने जैसे-तैसे फसल बेची, लेकिन उतराई और तौल के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इधर, माल खरीदने वाले व्यापारी परेशान नजर आए। माल ट्रकों में लदकर बाहर न निकलने के कारण मंडी में रखने की जगह नहीं बची, जिससे किसानों को वापस करना पड़ा।50 फीसदी किसानों को करना पड़ा वापसआढ़ती प्रवीन वार्ष्णेय ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक 50 हजार क्विंटल धान की मंडी में आवक हो चुकी थी। इस सीजन में अभी तक इतनी बड़ी मात्रा में धान की आवक नहीं हुई है। मंडी में जब पैर रखने की जगह नहीं मिली तो इनमें से लगभग 50 फीसदी किसानों को वापस करना पड़ा। जब किसान नहीं माने तो मंडी के दोनों गेट बंद कर दिए गए। यही नहीं सचिव ने एनाउंसमेंट किया, फिर माल बिकने की आस में परेशान किसान मंडी के बाहर दोपहर बाद तक लाइन लगाए खड़े रहे।आवक बढ़ने से गिर गए रेटआवक बढ़ने के कारण धान के दामों में प्रति क्विंटल 50 से 100 रुपये तक की गिरावट आ गई। 1509 किस्म के धान की कीमत तीन हजार रुपये थी, जो कि घटकर 2950 रुपये क्विंटल तक पहुंच गई। कंबाइन मशीन से निकले धान के 2,600 से 2,700 रुपये क्विंटल के रेट मिले, जबकि सोमवार को इसके रेट 2,700 से 2,800 रुपये क्विंटल थे। तृतीय श्रेणी के धान के दाम 2,200 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 2,100 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए। माल निकालने के लिए व्यापारी रहे परेशानसुबह से शुरू हुई धान की खरीद ने आढ़ती व खरीद व्यापारियों को भी परेशान किया। मंडी समिति में 70 आढ़ती और 15 खरीद व्यापारी हैं। आढ़ती किसानों से माल लेकर इसे कमीशन पर खरीद व्यापारियों को बेचते हैं। ये व्यापारी हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के व्यापारी या सीधे चावल मिलों को यह माल पहुंचाते हैं। धान खरीद तो लिया गया, लेकिन जगह न होने कारण ट्रकों के जरिये माल बाहर नहीं निकाला जा सका। राया मंडी गए थे, लेकिन मंडी बंद थी। सुबह सात बजे यहां पहुंच गए थे। 11 बजे मंडी में प्रवेश हो पाया, लेकिन अत्यधिक आवक के कारण वापस भेज दिया गया। अब फसल को लेकर कहां जाएं, समझ नहीं आ रहा।-सूरजप्रकाश यादव निवासी नगला बाबू, मुरसान -सुबह छह बजे से कतार में लगे थे। जाम के कारण समय से मंडी में नहीं पहुंच सके। मंडी के गेट पर पहुंचे तो पुलिस ने ही वापस कर दिया। वापस जाने का खर्च उठा नहीं सकते, इसलिए अब साइड में खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं।-रामबाबू निवासी नगला बक्सा, हसायन --सुबह चार बजे से कतार में लगे थे। मंडी में पहुंच गए। माल अच्छा होते हुए भी 2981 रुपये प्रति क्विंटल के दाम मिले हैं। अब उतराई की जगह नहीं है। व्यापारी शाम तक नंबर आने की बात कह रहे हैं।-वीरेश निवासी सूजिया रात दो बजे गांव से निकले थे। तब जाकर माल बिकने का नंबर आया। जल्दी आने के कारण तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल के दाम मिल गए हैं, लेकिन तौल में समय लग रहा है। यहां से निकलने की जगह भी नहीं मिल रही।-महावीर प्रसाद निवासी सलेमपुर सादाबाद --आसपास की मंडियां बंद होने के कारण अचानक आवक बढ़ गई है। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। 26 हजार क्विंटल धान की खरीद हो गई है। बाकी किसानों को वापस भेजा जा रहा है। जब तक माल मंडी से निकलेगा नहीं, तब तक जगह नहीं बनाई जा सकती, इसलिए किसानों को समझाया गया है।-गौरव सिंह, मंडी सचिव
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 15, 2025, 02:49 IST
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