दुनिया बदल गई, जैन साधू नहीं बदलें : अरुण मुनि
संवाद न्यूज एजेंसीपानीपत। जैन स्थानक अग्रवाल मंडी में अरुण मुनि ने चातुर्मास में प्रवचन किया। मुनि ने चातुर्मास को धर्म की खेती का मौसम बताया। उन्होंने कहा कि चातुर्मास केवल ठहराव नहीं आत्मा के उत्थान का उत्सव है। अरुण मुनि महाराज ने कहा कि दुनिया बदल गई लेकिन जैन साधु नहीं बदला। चातुर्मास धर्म की खेती का मौसम है। चातुर्मास वर्षा ऋतु में आने वाला वह विशेष चार महीनों का कालखंड है। जब जैन साधु-संत एक स्थान पर ठहरते हैं। इस ठहराव का उद्देश्य पर्यावरण की विवशता नहीं बल्कि आत्मशुद्धि, तपस्या और लाखों सूक्ष्म जीवों की रक्षा करना है।राजाखेड़ी गांव में रोहित मुनि ने दिया प्रवचनपानीपत। राजाखेड़ी गांव में रोहित मुनि ने प्रवचन दिया। मुनि ने चार मौलिक सूत्रों के माध्यम से आत्मिक उत्थान का मार्ग बताया कि भगवान की पहली आज्ञा सामयिक है, आत्मा में स्थिर होना ही सच्चा धर्म है। सधार्मिक को दिया गया दान कई गुना होकर लौटता है, यह दान आत्मिक उन्नति का साधन है। सेवा से मनुष्य का अहंकार शून्य होता है, विनम्रता आत्मा को प्रभु से जोड़ती है। आत्मा की शुद्ध अवस्था ही ईश्वर है, ईश्वर कहीं बाहर नहीं, वह हमारे भीतर ही है। संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 07, 2025, 03:12 IST
दुनिया बदल गई, जैन साधू नहीं बदलें : अरुण मुनि #TheWorldHasChanged #JainMonksShouldNotChange:ArunMuni #SubahSamachar