उपलब्धि: भारत में बने खिलौनों की वैश्विक बाजार में जबरदस्त मांग; छोटा भीम से लेकर मोटू-पतलू तक हो रहे निर्यात

भारत अब खिलौनों का आयात करने के बजाय निर्यात कर रहा है। छोटा भीम से लेकर मोटू-पतलू तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे। यहां बने खिलौनों की गुणवत्ता दुनियाभर के मानकों से बेहतर है। शून्य से 16 साल तक के बच्चों के खिलौने बनाने वाली कंपनियां अपने उत्पादों के विदेशी बाजारों में पहुंचाने से उत्साहित हैं। यह स्थिति सिर्फ दो साल में बदली है। यहां के खिलौने स्वास्थ की दृष्टि से भी बड़े पैमाने पर परखे हुए हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), मुंबई के पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय प्रयोगशाला (डब्ल्यूआरओएल) के वैज्ञानिक और निदेशक अद्भुत सिंह ने कहा, बीआईएस मानकों ने घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में भारतीय खिलौनों की बिक्री बढ़ाने में सहायता की है। उन्होंने कहा, भारतीय मानक हमारी मौसम स्थितियों और अन्य घरेलू जरूरतों के अनुसार बनाए गए हैं। जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का खिलौना निर्यात 2023-24 में मामूली रूप से घटकर 15.23 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी डॉलर रह गया, जो पिछले वर्ष 15.38 करोड़ अमेरिकी डॉलर था। नए आंकड़ों के अनुसार भारत में 1,640 बीआईएस-प्रमाणित खिलौना उद्योग हैं, जिनमें से 1,165 लाइसेंस गैर-इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों और 475 इलेक्ट्रिक खिलौनों के लिए हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 18, 2025, 05:26 IST
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