Bareilly News: गुंडा और गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई का मिलेगा अधिकार, अपराध पर लगेगा अंकुश

बरेली। जिले में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने पर प्रशासनिक अधिकारियों की कई शक्तियां पुलिस को मिल जाएंगी। गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई सीधे पुलिस के स्तर से हो सकेगी। कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर फायरिंग के लिए पुलिस को जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति नहीं लेनी होगी। जानकारों का कहना है कि कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद प्रदेश के सात महानगरों में कानून-व्यवस्था और यातायात की स्थिति में सुधार हुआ है। अपराध पर भी अंकुश लगा है।कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद जिले में आईपीएस और पीपीएस अफसरों से लगायत इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाहियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे। थानों की संख्या बढ़ाकर पुलिस को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर के स्तर से ही कमिश्नरेट क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता की धारा-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की जा सकेगी। शांतिभंग के मामलों में जमानत और पाबंद करने संबंधी मसलों पर पुलिस के स्तर से ही निर्णय लिया जा सकेगा। वाराणसी में अपर पुलिस आयुक्त रहे सेवानिवृत्त आईपीएस संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में थाना-चौकी स्तर पर पुलिस की कार्यशैली में सुधार के साथ ही संसाधनों में बढ़ोतरी होगी। मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुदृढ़ होगी। इसका लाभ अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था और यातायात के क्षेत्र में दिखेगा। बरेली जैसे संवेदनशील जिले के लिए यह बड़ी बात होगी।पुलिस को मिलेंगे ये अधिकारउत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम, उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, विष अधिनियम, अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम, पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, कारागार अधिनियम, सरकारी गोपनीयता अधिनियम, विदेशी अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय पुलिस अधिनियम, उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा अधिनियम, उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम के विधिक अधिकार।धरना-जुलूस जैसे आयोजनों की अनुमति देगी पुलिसकमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद धरना-जुलूस सहित अन्य आयोजनों की अनुमति पुलिस अफसर ही देंगे। डीएम-एसएसपी वाली व्यवस्था में अनुमति देने का अधिकार प्रशासनिक अफसरों के पास रहता है। पुलिस और एलआईयू आयोजन की अनुमति के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक अफसरों को भेजते हैं।साइबर क्राइम के मामलों के निपटारे में आएगी तेजीकमिश्नरेट सिस्टम लागू होने पर साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग सीधे आईपीएस ऑफिसर करते हैं। पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है और उन्हें आधुनिक संसाधन भी मुहैया कराए जाते हैं। इससे साइबर क्राइम के मामलों के निपटारे में तेजी आएगी। वाराणसी, लखनऊ और गाजियाबाद जैसे पुलिस कमिश्नरेट वाले जिलों में बढ़ते साइबर क्राइम के बीच पुलिस की कार्रवाई में भी तेजी आई है।अतिक्रमण पर हो सकेगी प्रभावी कार्रवाईकमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पुलिसकर्मियों की संख्या और संसाधनों में बढ़ोतरी होगी तो अतिक्रमण के खिलाफ रोजाना प्रभावी तरीके से कार्रवाई हो सकेगी। इससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। जाम की भीषण समस्या से जूझने वाले वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद यातायात व्यवस्था में काफी हद तक सुधार आया है। ब्यूरो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 29, 2025, 02:53 IST
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