Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के युद्धबंदियों की रिहाई के लिए संघर्ष, कैदियों की घर वापसी की आस आज भी बरकरार
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में सैकड़ो घर तबाह हो गए। हजारों लोगों को हिरासत में ले लिया गया, लेकिन आज भी हजारों यूक्रेनी नागरिकों के घर के दरवाजे और उनरे परिवार के सदस्य उनका इंतजार कर रहे है। ऐसी ही एक घटना है जबलगभग दो साल पहले कोस्टियनटीन जिनोवकिन की मांने अपने घर का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनी, तो उन्हें लगा कि उनका बेटा घर लौट आया है क्योंकि वह कुछ भूल गया था। लेकिन इसके बजाय, कुछ रूसी सैनिक जोबैलेक्लाव पहने हुए थेमेलिटोपोल में उनके अपार्टमेंट में घुस आए। बता दें कि यह शहर दक्षिणी यूक्रेन में है और रूसी सेना द्वारा कब्जा किया गया है। जिनोवकिन की रिहाई के उम्मीद में उनकी मां एक छोठे से उल्लंघन में हिरासत में लिए गए जिनोवकिन की जल्दी रिहा होने की उम्मीद थी।इसके बावजूद, जिनोवकिन को रिहा नहीं किया गया।हालांकिलेकिन उनकी पत्नीलिउसिएना ने बताया कि उन्होंने जिनोवकिन के घर की ऐसी तलाशी ली कि घर को अणुओं मेंतोड़ दिया, क्योंकिमई 2023 में उनकी गिरफ्तारी के कुछ हफ़्तों बाद, रूसी अधिकारियों ने उनकी मांसे कहा कि वह एक आतंकवादी हमले की साजिश रच रहे थे। अब उन पर ऐसे आरोप लग रहे हैं, जिनका उनका परिवार विरोध कर रहा है और उन्हें बेतुका मानता है। ये भी पढ़ें:-Ukraine Crisis: 'सबसे मजबूत देश और इतनी कमजोर प्रतिक्रिया', जेलेंस्की ने रूसी हमले के बाद की अमेरिका की निंदा रूसी कैद में बंद है ऐसे हजारों जिनोवकिन जिनोवकिन की कहानी कोई अलग नहीं है।कोस्टियनटीन जिनोवकिन रूस की कैद में एक ऐसे हजारों नागरिकों में से हैं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। हालांकि इस मामले में अबयूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि युद्धबंदियों की रिहाई और उनके साथ समझौता युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, इस मुद्दे को अभी तक रूस और यूक्रेन के बीच अमेरिकी वार्ता में ज्यादा महत्व नहीं मिला है। पीपल फर्स्ट जैसे अभियान भी रहे असफल लगातार जारी संघर्ष के बीच एक अवाजा युद्धविराम की उठी। इसके चलते बीतेजनवरी में, यूक्रेनी और रूसी अधिकार समूहों ने पीपल फर्स्टअभियान शुरू किया, जिसमें यह कहा गया कि किसी भी शांति समझौते में उन सभी लोगों की रिहाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्हें बंदी बनाया गया है। इनमें युद्ध के विरोध में जेल में बंद रूसी नागरिक और अवैध रूप से निर्वासित यूक्रेनी बच्चे शामिल हैं। ये भी पढ़ें:-PM Modi Sri Lanka Visit: जया श्री महा बोधि मंदिर पहुंचे पीएम मोदी; रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम का शुभारंभ भी किया जेल में कितने यूक्रेनी अंदाजा लगाना कठिन हां एक बात ये भी है कि युद्ध के बढ़ते प्रकोप के साथ ही रूस ने यूक्रेन के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया। इससे साफ है कि इस बात का अंदाजा नहीं है कि कितने यूक्रेनी नागरिक हिरासत में हैं, चाहे वह कब्जे वाले क्षेत्रों में हों या रूस में। यूक्रेन के मानवाधिकार लोकपाल, दिमित्रो लुबिनेट्स ने अनुमान लगाया है कि 20,000 से ज्यादा लोग हिरासत में हैं। साथ ही मतविचुक का कहना है कि उनके समूह को नागरिक बंदियों की मदद के लिए 4,000 से ज्यादा अनुरोध मिले हैं। उनका कहना है कि युद्ध में गैर-लड़ाकों को हिरासत में रखना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 06, 2025, 11:14 IST
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के युद्धबंदियों की रिहाई के लिए संघर्ष, कैदियों की घर वापसी की आस आज भी बरकरार #World #International #RussiaUkraineWar #Ukraine #PrisonersOfWar #ReleaseOfPrisoners #UkrainianCitizens #VladimirPutin #VolodymyrZelensky #SubahSamachar