Panipat News: मृतक संरक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर कर बनाया ट्रस्ट, मामला दर्ज

पानीपत। देशराज कॉलाेनी स्थित कबीरपंथी धर्मशाला समिति के विवाद में तीन लोगों पर सिटी थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। इन तीनों ने ट्रस्ट द्वारा बनाए गई धर्मशाला पर कब्जा करने व उसकी देखरेख अपने हाथ में लेने के लिए एक फर्जी ट्रस्ट बनाई थी। इन्होंने समिति के संरक्षकों की मृत्यु के बाद उनके फर्जी हस्ताक्षर कर किरायानामा अपने नाम लिखवा लिया आैर ट्रस्ट बनाई। मामला उजागर हुआ तो समिति के सदस्यों ने शिकायत पुलिस को दी। पुलिस केस दर्ज कर अब आरोपियों की धरपकड़ में जुटी है। हनुमान कॉलोनी निवासी अशोक ने बताया कि 26 मार्च 2010 को कबीरपंथी समाज की बैठक हुई थी। इसमें कबीरपंथी धर्मशाला के लिए भूमि खरीदने,भवन बनाने का निर्णय लिया गया था। जमीन खरीदने के लिए वीरसेन, सौराज व अशोक कुमार के नाम का प्रस्ताव पास हुआ था। इन तीनों के नाम पर जमीन खरीदी गई। भवन भी बना। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसे, वीरसेन व सौराज को सौंपी गई थी। 2016 में महादेव कॉलोनी निवासी राजकुमार, सुभाष व जयभगवान ने धर्मशाला की देखरेख शुरू कर दी। 2023 में सुभाष, राजकुमार, मनोज, जयभगवान, सोमपाल ने धर्मशाला का ताला तोड़ दिया। मामले को शांत करने के लिए दोबारा समिति के चुनाव पर मुहर लगी। एक अस्थाई समिति का गठन किया गया। चुनाव के लिए 14 जुलाई 2024 की तारीख निर्धारित की गई। राजकुमार, सुभाष मनोजकुमार, मदन, सोमपाल, डॉ. विवेक व जयभगवान ने कहा कि चुनाव की जरूरत नहीं है। उन्होंने ट्रस्ट का गठन करवा लिया है। विवाद बढ़ता गया। मंत्री महिपाल ढांडा ने दोनों पक्षों में समझौता कराने का प्रयास किया । पुराने ट्रस्ट को भंग करने पर सहमति बनी। समिति का दोबारा चुनाव हुआ। मास्टर ओम प्रकाश को प्रधान, सुभाष सिरोही को उप-प्रधान, लोकेश कुमार को सचिव, संजय कुमार को कैशियर, सुरेश कुमार सह-सचिव, प्रदीप कुमार प्रवक्ता व अन्य सदस्यों का सर्वसम्मति से चयन किया गया। नई स्थायी समिति को एक पैन कार्ड कबीरपंथी धर्मशाला ट्रस्ट के नाम का मिला। यहां समिति के सदस्यों के मन में शंका पैदा हुई और धर्मशाला में नई कमेटी की मीटिंग हुई। तय हुआ कि पुरानी ट्रस्ट को भंग करके हिसाब-किताब व रजिस्टर नई स्थाई समिति को दिया जाएगा। जांच में पता चला कि राजकुमार, सुभाष व जयभगवान ने धर्मशाला का किराया नामा अपने नाम बनाया है। इस पर वीरसेन व सौराज के भी हस्ताक्षर थे। जबकि वीरसेन की 31 अक्तूबर व सौराज की 13 मार्च 2024 को मौत हो चुकी है। इनके फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रस्ट का गठन किया था ताकि धर्मशाला की देखरेख अपने हाथ में ली जा सके।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 21, 2024, 02:29 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Panipat News: मृतक संरक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर कर बनाया ट्रस्ट, मामला दर्ज #TrustCreatedByForgingSignaturesOfDeceasedPatrons #CaseRegistered #SubahSamachar