Noida News: घर में बने सेप्टिक टैंक में गिरे दो भाइयों की मौत
- पटिया टूटने से गिरा एक भाई, दूसरे की बचाने में गई जान, बचाने गया पड़ोसी भी बेहोश - सेक्टर-63 के चोटपुर कॉलोनी में हादसा, पुलिस कर रही मामले की जांच माई सिटी रिपोर्टर नोएडा। चोटपुर कॉलोनी में घर के अंदर बने सेप्टिक टैंक में डूबने व जहरीली गैस से दम घुटने से दो भाइयों की मौत हो गई। सोमवार को पटिया टूटने से मूल रूप से बुलंदशहर निवासी चंद्रभान (40) नीचे टैंक में गिर गए। उसे बचाने टैंक में उतरे छोटे भाई राजू (26) ने अंदर ही दम तोड़ दिया। दोनों को बचाने गया पड़ोसी भी बेहोश हो गया। कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। चंद्रभान और राजू ने कुछ साल पहले चोटपुर कॉलोनी में मकान खरीदा था। खोड़ा कॉलोनी में कारपेंटर का काम करने वाले दोनों भाई परिवार के साथ यहीं रहते थे। घर में ही सेप्टिक टैंक बना हुआ है। करीब 10 से 12 फीट गहरे इस टैंक को पटिया से ढंका गया था। सोमवार को चंद्रभान टैंक के ऊपर खड़े थे तभी पटिया टूटने से वह टैंक में गिर गए। उन्हें बचाने के लिए छोटे भाई राजू टैंक के अंदर चले गए। टैंक में पानी में डूबने और जहरीली गैस से दम घुटने के कारण दोनों भाइयों की मौत हो गई। इसके बाद घर व आसपास अफरातफरी मच गई। इस बीच पड़ोसी हेमंत ने दोनों भाइयों को बचाने के लिए टैंक में उतरने की कोशिश की, लेकिन जहरीली गैस के कारण वह बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी हालत में सुधार है। पुलिस की टीम ने फर्श को ड्रिल मशीन से काटकर दोनों भाइयों के शव को बाहर निकाला। दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। एडीसीपी सेंट्रल नोएडा शैव्या गोयल ने कहा कि सेप्टिक टैंक में गिरने से दो लोगों की मौत हुई है, वहीं तीसरा शख्स बेहोश हो गया था। मामले की जांच की जा रही है। घर में मातम, परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल जिस घर को दोनों भाइयों ने खरीदा था। उसी घर में दोनों की मौत हो गई। हादसे के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। जिस पटिया से होकर दोनों भाई रोज गुजरते थे, वही उनके लिए काल बन गई। पड़ोसियों ने बताया कि दोनों भाई काफी मिलनसार थे। सभी लोगों से दोनों का अच्छा व्यवहार था। सोमवार सुबह दोनों लोग काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी यह हादसा हुआ। अनियोजित कॉलोनियों में घर के अंदर सेप्टिक टैंक नोएडा में चोटपुर समेत दर्जनों अनियोजित कॉलोनियां हैं जो अवैध रूप से बसाई गईं है। इन कॉलोनियों के घरों में सीवर लाइन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं नहीं होती है। इस कारण घर के नीचे ही सेप्टिक टैंक बनाकर काम चलाते हैं। इन सेप्टिक टैंक को कई घरों में अस्थायी रूप से ढंका जाता है। इस घटना में भी सेप्टिक टैंक को ढंकने के लिए पटिया का इस्तेमाल किया गया था। पहले भी हुई है कई घटनाएं नोएडा में सेप्टिक टैंक में डूबने से मौत की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। 12 जून को ग्रेटर नोएडा में खुले सेप्टिक टैंक में डूबकर तीन साल के बच्चे की मौत हो गई थी। अगस्त 2025 में सेक्टर-115 में सीवेज पंपिंग स्टेशन में भी दो भाइयों की मौत हो गई थी। दोनों भाई सफाई करने के लिए नीचे उतरे थे। पिछले साल सेक्टर-26 में भी इस तरह का एक हादसा हुआ था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 03, 2025, 20:26 IST
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