US: 'अल सल्वाडोर निर्वासित युवक की वापसी का आदेश नहीं दे सकती कोर्ट', ट्रंप प्रशासन की संघीय न्यायालय में दलील

अल सल्वाडोर निर्वासित किए गए युवक की वापसी के कोर्ट के आदेश पर ट्रंप प्रशासन ने आपत्ति जताई है। कोर्ट में ट्रंप प्रशासन के वकीलों ने दलील दी है कि संघीय न्यायाधीश को अल सल्वाडोर निर्वासित किए गए मैरीलैंड के व्यक्ति की वापसी का आदेश देने का कोर्ट को अधिकार नहीं है। वकीलों ने अपील अदालत से फैसले को निलंबित करने की मांग की। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज पाउला जिनिस ने शुक्रवार को प्रशासन को सोमवार देर रात तक किल्मर अब्रेगो गार्सिया की अमेरिका में वापसी का आदेश दिया।इसके बाद न्याय विभाग के वकीलों ने यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स से जज के आदेश को रोकने के लिए कहा। वकीलों ने कहा कि यह न्यायिक आदेश सरकार को एक विदेशी शक्ति के साथ जुड़ने के लिए मजबूर करता है। एक विदेशी संप्रभु द्वारा एक निश्चित कार्रवाई को मजबूर करना तो दूर की बात है, सांविधानिक रूप से असहनीय है। ये भी पढ़ें:'वह पागल है, अमेरिका को मंदी की ओर धकेलने जा रहा', हैंड्स ऑफ रैली में राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ लगे नारे पिछले महीने 29 वर्षीय साल्वाडोर के नागरिक अब्रेगो गार्सिया को मैरीलैंड में गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया गया था। जबकि 2019 में एक इमिग्रेशन जज ने उन्हें अल साल्वाडोर में निर्वासन से बचा लिया था। क्योंकि उन्हें वहां के स्थानीय गिरोहों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता था। युवक के निर्वासन को व्हाइट हाउस ने प्रशासनिक त्रुटि बताया। मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट संघीय न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई के लिए तमाम समर्थक एकत्र हुए। जब जिनिस ने अब्रेगो गार्सिया के पक्ष में फैसला सुनाया, तो अदालत कक्ष में जयकार गूंज उठी। न्याय विभाग के वकील एरेज़ रेवेनी ने कोर्ट से कहा कि अब्रेगो गार्सिया को अमेरिका से नहीं निकाला जाना चाहिए था या अल साल्वाडोर नहीं भेजा जाना चाहिए था। हालांकि वह जज को यह नहीं बता सके कि उन्हें मैरीलैंड में किस आधार पर गिरफ्तार किया गया था। अब्रेगो गार्सिया के वकील साइमन सैंडोवाल-मोशेनबर्ग ने कहा कि सरकार ने अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बाद भी उनके मुवक्किल को वापस पाने के लिए कुछ नहीं किया है। अल साल्वाडोर की सरकार के साथ कोई वास्तविक कदम नहीं उठाया गया। व्हाइट हाउस ने अब्रेगो गार्सिया को MS-13 गिरोह का सदस्य बताया है। इस पर अब्रेगो गार्सिया के वकीलों ने कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि वह MS-13 में था। गार्सिया के पास अमेरिका में कानूनी रूप से काम करने के लिए DHS से परमिट था। उन्होंने शीट मेटल अप्रेंटिस के रूप में काम किया और अपने लाइसेंस पाने की तैयारी कर रहे थे। ये भी पढ़ें:मौसमी कहर से मध्य अमेरिका में तबाही, टेक्सास से ओहायो तक बाढ़ से बिगड़े हालात, अब तक 16 लोगों की मौत सरकारी वकीलों का कहना है कि अब्रेगो गार्सिया पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है और न ही उनकी वापसी की व्यवस्था करने का अधिकार है। किसी विदेशी संप्रभु को तीन दिनों के भीतर किसी विदेशी आतंकी को वापस भेजने के लिए बाध्य करना निषेधाज्ञा है। सरकार चलाने का यह कोई तरीका नहीं है। इसका अमेरिकी कानून में कोई आधार नहीं है। संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 06, 2025, 09:35 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




US: 'अल सल्वाडोर निर्वासित युवक की वापसी का आदेश नहीं दे सकती कोर्ट', ट्रंप प्रशासन की संघीय न्यायालय में दलील #World #International #Us #DonaldTrump #ElSalvador #UsDistrictCourt #ElSalvadorDeportation #InternationalNews #WorldNews #SubahSamachar