Paigah Tombs: अमेरिकी दूत ने पैगाह मकबरों के संरक्षण और मरम्मत के लिए ढाई लाख अमेरिकी डॉलर की घोषणा की
भारत में अमेरिकी दूतावास की अंतरिम प्रभारीराजदूतएलिजाबेथ जोन्सने मंगलवार को हैदराबाद में पैगाह मकबरा परिसर का दौरा किया और 18वीं और 19वीं शताब्दी में निर्मित इसके छह मकबरों के संरक्षण और मरम्मत के लिए 2,50,000 अमेरिकी डॉलर की परियोजना की घोषणा की।एलिजाबेथ जोन्स ने पैगाह मकबरा परिसर का दौरा करते समय कहा कि जो मकबरा 18वीं और 19वीं शताब्दी मेंबनाए गए थे, ऐसे छह मकबरों के संरक्षण और मरम्मतका समर्थन करने के लिए हम 2,50,000 अमेरिकी डॉलर की अमेरिकी सरकार की परियोजना की घोषणा करते हैं। एलिजाबेथ जोन्स ने कहा कि इन शानदार स्मारकों के संरक्षण के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा बनने के लिए अमेरिका "सम्मानित" महसूस करता है। उन्होंने कहा कि पैगाह मकबरे का मरम्मत हैदराबाद में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास द्वारा कार्यान्वित सांस्कृतिक संरक्षण परियोजना के लिए पांचवां राजदूत कोष है।उन्होंने तेलंगाना और पूरे भारत में आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। हैदराबाद की अपनी पहली यात्रा पर एलिजाबेथ जोन्स ने कहा कि हम इन शानदार स्मारकों के संरक्षण के लिए तेलंगाना सरकार के प्रयासों का हिस्सा बनने पर गर्व और सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह वास्तव में हैदराबाद में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास द्वारा कार्यान्वित सांस्कृतिक संरक्षण परियोजना के लिए पांचवां राजदूत कोष है। उन्होंने आगे कहा कि पूरे भारत में, सांस्कृतिक संरक्षण परियोजनाओं के लिए कुल 23 एंबेसडर फंड लागू किए गए हैं, जो पिछले 20 वर्षों में दो मिलियन (20 लाख) अमेरिकी डॉलर के सांस्कृतिक निवेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कि हैदराबाद और क्षेत्र में इस तरह की और परियोजनाओं के लिए है।एलिजाबेथ जोन्स ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण का समर्थन करके अमेरिका अन्य संस्कृतियों और लोगों के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करता है। उन्होंने परियोजना के समर्थन के लिए तेलंगाना सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा किइस तरह का मरम्म्त कार्य अमेरिका के लोगों को राष्ट्रों और समुदायों में एक भूमिका निभाने की अनुमति देती है जहां हम पारंपरिक नीतिगत मुद्दों से परे काम करते हैं। सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का समर्थन करके अमेरिका अन्य संस्कृतियों और लोगों के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करता है।स्मारकों के जीर्णोद्धार में अमेरिका के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित करना सभी मानव जाति के लिए एक लाभ है।यह सुनिश्चित करके कि इतिहास, कला और वास्तुकला समय में खो न जाए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए उसी आश्चर्य और विस्मय का अनुभव करने में सक्षम बनाते हैं जो आज हम यहां अनुभव कर रहे हैं।उन्होंने कहा किमैं तेलंगाना सरकार को इस परियोजना के समर्थन के लिए और हमारे साथ मिलकर इस परियोजना को सफल बनाने हेतु काम करने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। हैदराबाद में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास जनरल जेनिफर लार्सन ने ट्वीट कर कहा कि आज राजदूत जोन्स ने ऐतिहासिक पैगाह मकबरों के संरक्षण और मरम्मत का समर्थन करने के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना की घोषणा की। सांस्कृतिक संरक्षण के लिए राजदूत कोष द्वारा वित्त पोषित हैदराबाद में यह हमारी पांचवीं ऐसी परियोजना है। इस बीच, आगा खान ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रतीश नंदा ने पैगाह मकबरे को भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि काम धीरे-धीरे किया जाएगा क्योंकि काम "जटिल" है। उन्होंने आगे कहा कि काम पूरा होने के बाद यह साइट हैदराबाद के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक होगी।रतीश नंदा ने कहा किपैगाह मकबरा परिसर तेलंगाना सरकार के पुरातत्व विभाग का एक संरक्षित परिसर है। लगभग दो से तीन साल पहले तेलंगाना सरकार ने परिसर के संरक्षण के लिए आगा खान ट्रस्ट को जिम्मेदारी दी थी। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण काम में देरी देरी हुई।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 11, 2023, 03:03 IST
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