US: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर घिरे बाइडन, रिपब्लिकन सांसद बोले- बात तक करने में रहे थे नाकामयाब
अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है।लंबे समय से जिस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था, उसे अब रिपब्लिकन सांसदों नेअमेरिकी संसद की निचली सदन में पेश कर दिया है। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट जारी करडेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन की जमकर आलोचना की। गैर-लड़ाकों को देरी से निकालने का लिया फैसला बता दें, अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी बेहद अफरा-तफरी में हुई थी। उस दौरान तालिबान ने वहां कब्जा जमा लिया था। अफगानिस्तान से अपनी वापसी को लेकर बाइडन प्रशासन को बार-बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। अब रिपब्लिकन ने रिपोर्ट में तर्क दिया है किप्रशासन ने गैर-लड़ाकों को निकालने का फैसला बहुत देर से लिया, औपचारिक रूप से इसका आदेश 16 अगस्त को दिया था। यहां तक कि अमेरिका और अफगानिस्तान के अधिकारियों के बीच बातचीत करने में तक नाकामयाब रहा। वहीं, देशछोड़ने के योग्य अफगान नागरिकों के प्रस्थान के लिए कागजी कार्रवाई में गड़बड़ी की गई। तीन साल जांच करने बाद रिपोर्ट यह रिपोर्ट एक शीर्ष हाउस रिपब्लिकन और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष माइकल मैककॉल के नेतृत्व में तीन साल तक की गई जांच कानतीजा है।इसमेंकहा गया किविश्व मंच पर अमेरिका की विश्वसनीयता को तब भारी नुकसान पहुंचा, जब हमने अफगान सहयोगियों को तालिबान के प्रतिशोध में हत्याओं के लिए छोड़ दिया। जबकि हमने अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा का वादा किया था। इतना ही नहीं रिपोर्ट में बाइडन प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया गया है। कहा गया किअमेरिका के दिग्गजों और अभी भी सेवा करने वालों को नैतिक चोट इस प्रशासन की विरासत पर एक दाग बनी हुई है। पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव गौरतलब, अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। डेमोक्रेटिक की ओर से उम्मीदवार कमला हैरिस हैं, जबकि रिपब्लिकन की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मैदान में उतारा गया है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि बाइडन पहले डेमोक्रेट्स की ओर से चुनाव लड़ने वाले थे, लेकिन लगातार हो रहे विरोध के चलते उन्होंने अपने कदम पीछे ले लिए थे। उसके बाद से ही सियासत का पारा चरम पर है। ट्रंप करते रहे हैं हमला पिछले महीने रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप निकासीके दौरान मारे गए सैनिकों के सम्मान में एक समारोह में दिखाई दिए थे। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भी अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने परराष्ट्रपति बाइडनऔर उपराष्ट्रपति हैरिस पर हमला बोला। साथ हीकाबुल हवाईअड्डे के एबी गेट पर हुई मौतों के लिएइन लोगों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने किया था कब्जा 2015 में तालिबान ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कुंडूज के इलाके पर कब्जा कर फिर से वापसी के संकेत दे दिए।ये ऐसा वक्त था जब अमेरिका में सेनाओं की वापसी की मांग जोर पकड़ रही थी।. अफगानिस्तान से अमेरिका की रूचि कम होती गई और तालिबान मजबूत होता गया। इसी के साथ पाकिस्तानी आतंकी संगठनों, पाकिस्तान की सेना और आईएसआई की खुफिया मदद से पाक सीमा से सटे इलाकों में तालिबान ने अपना बेस मजबूत किया।अमेरिका से लौटने की अपनी कोशिशों के तहत 2020 में अमेरिका ने तालिबान से शांति वार्ता शुरू की और दोहा में कई राउंड की बातचीत भी हुई।एक तरफ तालिबान ने सीधे वार्ता का रास्ता पकड़ा तो दूसरी ओर बड़े शहरों और सैन्य बेस पर हमले की बजाय छोटे-छोटे इलाकों पर कब्जे की रणनीति पर काम करना शुरू किया और आज इसका नतीजा सबके सामने है। अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना दो दशक की उपस्थिति के बाद पूरी तरह से हट गई थी। इसके साथ ही यहां सरकार को हटाकर तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया था। इसके बाद से अफगानिस्तान में आतंकवादी घटनाएं बढ़ गई हैं और महिलाओं के अधिकारों को फिर से सीमित कर दिया गया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 09, 2024, 08:31 IST
US: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर घिरे बाइडन, रिपब्लिकन सांसद बोले- बात तक करने में रहे थे नाकामयाब #World #International #UsHouseRepublican #Biden #AfghanWithdrawalNews #SubahSamachar