'वार-जोन' बनी फैक्ट्री: पुलिस से बचने के लिए नाले में कूदे मजदूर, जानिए Hyundai-LG प्लांट पर क्यों पड़ी रेड
अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में बन रहे हुंडई-एलजी बैटरी प्लांट पर अचानक हुई छापेमारी ने पूरे इलाके को मानो "वार जोन" में बदल दिया। भारी संख्या में पहुंचे अमेरिकी फेडरल एजेंट्स ने साइट पर मौजूद मजदूरों को लाइन में खड़ा किया, उनकी तलाशी ली और पहचान पत्र मांगे। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कई मजदूरों ने भागने की कोशिश भी की। इनमें बड़ी संख्या दक्षिण कोरियाई नागरिकों की बताई जा रही है। आइए जानते हैं यह छापेमारी क्यों हुई और प्लांट साइट पर क्या-क्या हुआ। क्यों मारा गया छापा अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (HSI) एजेंसी के मुताबिक यह छापा कई महीनों से चल रही जांच का हिस्सा था। आरोप है कि प्लांट में बड़ी संख्या में मजदूर अवैध रूप से काम कर रहे थे। कुछ ने सीमा पार की, कुछ टूरिस्ट वीजा पर थे जबकि कई ने वीजा अवधि से ज्यादा समय तक रुककर काम किया। एजेंसी का दावा है कि यह कार्रवाई अमेरिकी नागरिकों और स्थानीय मजदूरों के रोजगार की सुरक्षा के लिए की गई थी। कितने लोग गिरफ्तार हुए अधिकारियों के अनुसार कुल 475 मजदूर गिरफ्तार किए गए, जिनमें ज्यादातर दक्षिण कोरियाई नागरिक हैं। कई मजदूरों ने भागने की कोशिश भी की। कुछ सीवेज ड्रेन में कूद गए तो कुछ एयर-डक्ट में छिपे, लेकिन सभी पकड़े गए। गिरफ्तार लोगों को अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) के हवाले कर दिया गया है। दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय ने इस छापेमारी पर गहरी चिंता जताई और अमेरिकी दूतावास से औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई। मंत्रालय का कहना है कि कोरियाई निवेशकों और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। हुंडई मोटर ने दिया बयान हुंडई मोटर कंपनी ने कहा कि अब तक की जानकारी के अनुसार गिरफ्तार मजदूरों में उसका कोई प्रत्यक्ष कर्मचारी शामिल नहीं है। वहीं LG Energy Solution ने बयान जारी कर कहा कि वे स्थिति की पूरी जानकारी जुटा रहे हैं और अधिकारियों से सहयोग करेंगे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 08, 2025, 00:40 IST
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