Asim Munir: पाकिस्तान में मुनीर पहले CDF बने, 44 अमेरिकी सांसदों ने की असीम के वीजा बैन-संपत्ति जब्त की मांग

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज नियुक्त कर दिया है। उनका कार्यकाल 5 साल का होगा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुनीर को आर्मी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज दोनों पदों के लिए जो सिफारिश भेजी थी, उसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी।राष्ट्रपति भवन ने अपने आधिकारिक एक्सपोस्ट में लिखा कि आसिम मुनीर को एक साथ दोनों पदों पर अगले पांच वर्षों के लिए नियुक्त किया गया है। पाकिस्तान में दमन के विरुद्ध लामबंद हुए 44 अमेरिकी सांसद हाल ही में 40 से ज्यादा अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान में जनता पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो को लिखी चिट्ठी में इन सांसदों ने कहा कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर के नियंत्रण वाली पाकिस्तानी सरकार खुलकर दमनकारी नीतियां अपना रही है। नागरिक समाज को कुचला जा रहा है। सैन्य शासन को चुनौती देने वाली हर आवाज खत्म की जा रही है। दमन की इस कार्रवाई में कुछ आला अधिकारी भी शामिल हैं। सांसदों ने अमेरिकी सरकार से पूछा है कि इन हालात के दोषी आसिम मुनीर जैसे लोगों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध और संपत्ति जब्ती जैसे कदम क्यों नहीं उठाए गए। सांसदों ने इन सभी अधिकारियों के अमेरिका में घुसने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। चिट्ठी लिखने वाले सांसदों में अमेरिकी कांग्रेस की प्रमिला जयपाल, रशीदा तालिब और ग्रेग कैसर जैसे 44 नाम शामिल हैं। यह पत्र ऐसे वक्त सामने आया है, जब हाल ही में पाकिस्तान के संविधान में बड़ा संशोधन किया गया है। इसके तहत सेना प्रमुख आसिम मुनीर को असीमित अधिकार दिए गए हैं। अमेरिकी नागरिकों व परिजनों को किया जा रहा प्रताड़ित पत्र में सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान में अधिनायकवादी अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाले अमेरिकी नागरिकों और उनके परिजनों को धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में रखा जा रहा है। जोर-जबर्दस्ती करने के साथ-साथ उनके साथ हिंसा भी की गई है। ये घटनाएं नागरिक और राजनीतिक अधिकारों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं और मौलिक स्वतंत्रता को व्यवस्थित रूप से नष्ट किया जा रहा है। सांसदों ने कहा है कि अमेरिका और पाकिस्तान की साझेदारी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह साझेदारी मानवाधिकारों, लोकतांत्रिक शासन और कानून के राज के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित होनी चाहिए। ये भी पढ़ें:-US:पाकिस्तानी मूल का व्यक्ति बंदूकों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार, स्कूल पर हमले की रची थी साजिश खोजी पत्रकार के भाइयों को किया अगवा, संगीतकार को धमकाया सांसदों ने कहा है कि सेना के भ्रष्टाचार पर रिपोर्टिंग के लिए जाने जाने वाले वर्जीनिया के खोजी पत्रकार अहमद नूरानी लगातार धमकियों का सामना कर रहे हैं। उनकी एक खोजी रिपोर्ट के बाद इस्लामाबाद में उनके भाइयों को घर से अगवा कर पीटा गया और एक महीने से ज्यादा हिरासत में रखा गया। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना को उदाहरण के तौर पर पेश किया। इसी तरह, सेना ने संगीतकार सलमान अहमद को भी डराया धमकाया। अमेरिका और पाकिस्तान दोनों में उनके परिवार को धमकियां दी गईं। बिना किसी आरोप के उनके साले को अगवा कर एफबीआई के हस्तक्षेप तक हिरासत में रखा गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में स्वतंत्र पत्रकारों को परेशान किया जाता है, अगवा किया जाता है या देश छोड़ कर भागने पर मजबूर किया जाता है। बलूचिस्तान में हिंसा चिट्ठी में सांसदों ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के जुल्म का खासतौर से जिक्र किया है। महिलाएं, धार्मिक अल्पसंख्यक और खासकर बलूचिस्तान में हाशिए पर धकेले गए समूह भयंकर हिंसा और निगरानी का सामना करते हैं। यह नागरिक समाज को कुचलने वाले एक सुनियोजित अभियान को दर्शाता है। विपक्षी नेताओं को बिना आरोप अनिश्चितकालीन हिरासत में रखा जाता है। निष्पक्ष मुकदमे से वंचित किया जाता है। आम नागरिकों को सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर गिरफ्तार किया जाता है। पाकिस्तान की यह अधिनायकवादी व्यवस्था लगातार दमन के माध्यम से कायम है। ये भी पढ़ें:-'यूक्रेन से जंग का अंत चाहते हैं पुतिन', अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की रूसी राष्ट्रपति से बैठक पर ट्रंप का बयान मुनीर पर मैग्नित्सकी प्रतिबंध की मांग सांसदों ने अंत में अमेरिकी सरकार से कुछ सवाल भी किए। पूछा कि इन अत्याचारों में सेना प्रमुख मुनीर की केंद्रीय भूमिका देखते हुए क्या सरकार ने उन पर मैग्नित्सकी प्रतिबंध या वीजा प्रतिबंध लगाए हैं, यदि नहीं तो ऐसा क्यों नहीं किया गया। अमेरिकी मैग्नित्सकी अधिनियम के तहत गंभीर मानवाधिकार हनन में शामिल विदेशी व्यक्तियों पर वित्तीय और यात्रा प्रतिबंध लगाए जाते हैं। अमेरिका में ऐसे लोगों की संपत्ति अवरुद्ध हो जाती है और उन्हें प्रवेश से भी रोका जा सकता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 05, 2025, 03:24 IST
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