ट्रंप की टैरिफ नीति: डिजिटल टैक्स लगाने वालों पर गिरेगी गाज; मनोवैज्ञानिकों ने जताया दिमागी बीमारी का अंदेशा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो अमेरिका की डिजिटल सेवा प्रदाता कंपनियों पर टैक्स लगाते हैं। ट्रंप ने कहा कि यदि डिजिटल टैक्स को खत्म नहीं किया गया तो, उन देशों के सामान पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। डिजिटल टैक्स लगाने वालों में यूरोप के कई देश शामिल हैं। ट्रंप ने इसे अमेरिकी तकनीक के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, मैं उन सभी देशों को चेतावनी देता हूं, जो डिजिटल टैक्स, कानून, नियम या विनियम लागू करते हैं। यदि ये भेदभावपूर्ण कदम नहीं हटाए गए, तो मैं उनके निर्यात पर भारी अतिरिक्त टैरिफ लगाऊंगा और हमारी अत्यधिक संरक्षित तकनीक व चिप्स पर निर्यात प्रतिबंध लागू करूंगा। ट्रंप इससे पहले भी डिजिटल टैक्स पर कनाडा और फ्रांस जैसे देशों को वह चेतावनी दे चुके हैं। ये भी पढ़ें:Bolivia:आम चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं, दो दशक से सत्तारूढ़ MAS का जनाधार खिसका; अब 19 अक्तूबर को फैसला सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन यूरोपीय संघ या उसके सदस्य देशों के उन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है, जो ब्लॉक के ऐतिहासिक डिजिटल सर्विसेज एक्ट को लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं। यह एक्ट अमेरिकी टेक कंपनियों पर अतिरिक्त नियामक बोझ डालता है। यूरोप में कई देशों ने डिजिटल सेवा प्रदाताओं के राजस्व पर टैक्स लगाया है, जो मुख्यत: अमेरिकी दिग्गजों जैसे गूगल, फेसबुक, एपल और अमेजन को प्रभावित करता है। भारत ने पहले ही उठाया कदम भारत ने ट्रंप के टैरिफ से बचने की कोशिश के चलते एक अप्रैल, 2025 से ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6 फीसद इक्विलाइजेशन लेवी को खत्म करने की घोषणा की है, जिसे डिजिटल टैक्स के रूप में जाना जाता है। डिजिटल टैक्स हटाने से गूगल, मेटा और अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियों को राहत मिलने की संभावना है। ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका का सीमा शुल्क राजस्व 500 अरब डॉलर होगा अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ से सीमा शुल्क राजस्व सालाना 500 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। इसमें जुलाई-अगस्त के बीच काफी उछाल और सितंबर में और अधिक उछाल आने की संभावना है। मनोवैज्ञानिकों ने ट्रंप को दिमागी बीमारी का अंदेशा जताया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिमाग से जुड़ी गंभीर बीमारी को लेकर मनोवैज्ञानिकों ने चिंता जताई है। डॉ. हैरी सेगल व डॉ. जॉन गार्टनर ने दावा किया कि ट्रंप में दुर्लभ मस्तिष्क विकार के स्पष्ट संकेत हैं, जो धीरे-धीरे बदतर होते जा रहे हैं। ये भी पढ़ें:US-China Ties:'हम साथ मिलकर काम करेंगे', ट्रंप ने छह लाख चीनी छात्रों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, इन मनोवैज्ञानिकों ने ट्रंप के सार्वजनिक व्यवहार, भाषा और मोटर क्षमताओं में लगातार गिरावट पर चिंता जताई है। गार्टनर ने कहा कि ट्रंप की मानसिक सक्रियता का ह्रास हो रहा है। उनके व्यवहार में दिख रहीं समस्याएं फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया नामक असामान्य प्रकार के डिमेंशिया के लक्षण हो सकते हैं। इससे व्यक्ति के व्यवहार व बोलने की क्षमता में समस्या आती है। उन्होंने ट्रंप-पुतिन की अलास्का में हुई मुलाकात का जिक्र किया, जहां ट्रंप लड़खड़ा कर चल रहे थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 27, 2025, 06:55 IST
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